जब पीर अली को फाँसी दी गयी

पीर अली को ब्रिटिश हुकूमत के ख़िलाफ विद्रोह और ओपियम एजेण्ट डॉ. लॉयल की हत्या के आरोप में फाँसी पर लटका दिया गया था।

विलियम टेलर को पीर अली के साथ सैकड़ों बागियों के झुण्ड के कैथोलिक चर्च के पादरी के घर पर हमला कर सूचना मिली।

पीर अली को उसके 33 सहयोगियों के साथ गिरफ़्तार कर लिया गया। 21 लोगों को उसी दिन पेड़ के सहारे फाँसी पर लटका दिया गया।

विलियम टेलर पीर अली से कुछ जानकारी हासिल करना चाहता था।

पीर अली ने कहा- 'जिन्दगी में कई मौके आते हैं, जब जान बचाना अक्लमंदी का काम होता है, लेकिन ऐसे मौके भी आते हैं, जब जान की परवाह किए बगैर उसूल के लिए जान कुर्बान कर दी जाती है। तुम हमारे जैसे लोगों को फाँसी पर लटका सकते हो, लेकिन हमारे आदर्श को फाँसी नहीं दे सकते।'

इसके तीन दिनों के बाद 7 जुलाई को पीर अली को फाँसी दे दी गयी।