मौलाना हबीब-उर-रहमान का जन्म 3 जुलाई 1892 को लुधियाना, पंजाब में हुआ। वह मशहूर स्वतंत्रता सेनानी मौलाना शाह अब्दुल क़ादिर लुधियानवी के पोते थे, जिन्होंने 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ फतवा दिया था।
मौलाना हबीब-उर-रहमान ने खिलाफ़त आंदोलन और असहयोग आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की।उन्होंने 14 साल जेल की सज़ा काटी और लुधियाना, शिमला, मैनवाली, धर्मशाला, और मुल्तान सहित विभिन्न जेलों में कैद रहे।
मौलाना हबीब-उर-रहमान ने अपने साथियों के साथ हिंदू-मुस्लिम के लिए अलग रखे गए घड़ों को तोड़कर, "सबका पानी एक है" का संदेश दिया।