जब हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल बनी

लखनऊ कांग्रेस में हिंदू-मुस्लिम एकता पर दिए गए भाषण का पूरे देश पर गहरा प्रभाव पड़ा। असहयोग आंदोलन और खिलाफत आंदोलन एक साथ आ गए।

महात्मा गांधी के साथ अली बंधु भी देशभर का दौरा कर रहे थे, जिससे हिंदू-मुस्लिम एकता को और मजबूती मिली।

20 फरवरी 1921 को गांधी जी फैजाबाद पहुंचे, जहां आचार्य नरेंद्र देव ने कांग्रेस के झंडे के साथ स्वागत किया।

फैजाबाद में गांधी जी के आगमन पर शहर में जबरदस्त उत्साह था। लोग छतों और सड़कों पर खचाखच भरे हुए थे।

फैजाबाद चौक और घंटाघर पर गांधी जी के स्वागत में शहनाई बजी। संगीत में "हमें आजाद करने को गांधी जी आते हैं" की धुन बजाई गई।

अपने भाषण में गांधी जी ने सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर जोर देते हुए कहा कि लड़ाई का तरीका अहिंसा पर आधारित होना चाहिए।

गांधी जी ने हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश दिया, जो उस समय के स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण पहलू था।

गांधी जी ने स्वतंत्रता संग्राम को सत्य और अहिंसा के नैतिक और सैद्धांतिक आधार पर प्रेरित करने का आह्वान किया, जिससे देशवासियों को एक नई दिशा मिली।