सरदार पटेल और मजदूर संगठन
सरदार पटेल, महात्मा गांधी की तरह, मजदूरों को राष्ट्र की शक्ति मानते थे और उनके हक के लिए हमेशा आवाज उठाई।
1947 में सरदार पटेल ने मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC) की स्थापना की।
अहमदाबाद में मिल मजदूरों के बीच पहला बड़ा आंदोलन महात्मा गांधी की सलाह और उनके आशीर्वाद से शुरू हुआ।
गुजरात के खेड़ा जिले में किसानों पर ज्यादा लगान लिया जाता था, जिसके खिलाफ गांधीजी ने आंदोलन चलाया। इस आंदोलन से किसानों को आजादी और अधिकार मिले।
15 से 20 वर्षों तक गांधीजी अहमदाबाद के मिल मजदूरों के संघर्ष का नेतृत्व करते रहे, जिससे मजदूरों को न्याय मिला और उद्योग बढ़ने लगे।
सरदार पटेल ने कहा कि संगठित मजदूरों की ताकत इतनी बड़ी है कि वह किसी भी चुनौती का सामना कर सकती है, लेकिन सच्चा संगठन जरूरी है।
उन्होंने कहा कि देश की नीति गांधीजी के रास्ते पर चलने की है और मजदूरों को उचित प्रशिक्षण मिलना चाहिए ताकि देश में शांति बनी रहे।
सरदार पटेल ने करोड़ों बेरोजगारों की बात की और कहा कि उन्हें गृह उद्योग सीखकर रोजगार दिया जाना चाहिए, जिससे देश मजबूत बने और सबका कल्याण हो।