अल्बर्ट आइंस्टीन का पंडित नेहरू को पत्र

प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को 18 फरवरी 1950 को एक पत्र लिखा था।

पंडित नेहरू की पुस्तक "भारत एक खोज" के प्रति गहरी रुचि दिखाते हुए आइंस्टीन ने कहा कि उन्होंने इसे उत्सुकता से पढ़ा।

पुस्तक की गहराई पर टिप्पणी करते हुए आइंस्टीन ने लिखा कि इसके शुरुआती हिस्से को पश्चिमी लोगों के लिए समझना आसान नहीं है।

भारत की स्वर्णिम संस्कृति और आध्यात्मिक परंपरा की झलक से आइंस्टीन काफी प्रभावित हुए।

ब्रिटिश शासन के प्रभाव का गहन विश्लेषण करने के लिए आइंस्टीन ने नेहरू की सराहना की, जो भारत के आर्थिक, नैतिक और बौद्धिक पतन पर आधारित था।

गांधीजी और नेहरू के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम के प्रति आइंस्टीन की श्रद्धा और बढ़ गई, खासकर उनके अहिंसक और असहयोगात्मक आंदोलन के कारण।

भारत के आध्यात्मिक संघर्ष की प्रशंसा करते हुए आइंस्टीन ने कहा कि इस तरह का उदाहरण विश्व इतिहास में शायद ही पहले देखा गया हो।

नेहरू को धन्यवाद देते हुए आइंस्टीन ने पुस्तक की प्रति भेजने के लिए आभार प्रकट किया।

आखिर में आइंस्टीन ने नेहरू की बेटी के कुशल-क्षेम की कामना करते हुए, नेहरू को उनकी पुस्तक के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दीं।