पीर अली ने कहा- 'जिन्दगी में कई मौके आते हैं, जब जान बचाना अक्लमंदी का काम होता है, लेकिन ऐसे मौके भी आते हैं, जब जान की परवाह किए बगैर उसूल के लिए जान कुर्बान कर दी जाती है। तुम हमारे जैसे लोगों को फाँसी पर लटका सकते हो, लेकिन हमारे आदर्श को फाँसी नहीं दे सकते।'