उत्तरदायित्व के भार के कारण  जवाहरलाल को  बड़ी तेजी के साथ बूढ़े होते देखा है-  सरदार पटेल

हमारे नये जीवन के पिछले दो कठिन वर्षों में जवाहरलाल देश के लिए जो अथक परिश्रम किया है, उसे मुझसे अधिक अच्छी तरह से कोई नहीं जानता।

मैंने इस अवधि में उन्हें अपने उच्च पद की चिन्ताओं और अपने  उत्तरदायित्व के भार के कारण बड़ी तेजी के साथ बूढ़े होते देखा है।

आयु में बड़े होने के नाते मुझे कई बार उन्हें उन समस्याओं पर परामर्श देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है जो शासन-प्रबन्ध या संगठन के क्षेत्र में हम दोनों के सामने आती रही है। मैंने सदैव उन्हें सलाह लेने को तत्पर और मानने को राजी पाया है।

वास्तव में हम लोग आजीवन सहकारियों और बन्धुओं की भांति साथ काम करते रहे हैं और एक-दूसरे के मतामत का सर्वदा सम्मान किया है जैसा कि गहरा विश्वास होने पर ही किया जा सकता है।

उनकी महान और उज्ज्वल व्यक्तित्व के साथ इन थोड़े-से शब्दों में न्याय नहीं किया जा सकता। उनके चरित्र और कृतित्व का बहुमुखी प्रसार अंकन से परे हैं।

स्वाधीन भारत की इस अमूल्य निधि का हम आज, उनकी हीरक जयन्ती के अवसर पर अभिन्नदन करते हैं। देश की सेवा में और आदर्शो की साधना में वह निरन्तर नई विजय प्राप्त करते रहें।