महात्मा गांधी और प्रेम की शक्ति

प्रधानमंत्री नेहरू इंग्लैंड दौरे पर चर्चिल से मिले, जहां चर्चिल ने उनसे ब्रिटिश शासन के दौरान जेल में बिताए गए दिनों के बारे में सवाल किया।

नेहरू ने बताया कि उन्होंने करीब 10 साल जेल में बिताए।

चर्चिल ने यह सुनकर कहा कि फिर तो आपको हमसे नफरत होगी, लेकिन नेहरू ने महात्मा गांधी की शिक्षा को उद्धृत करते हुए कहा कि नफरत किसी से नहीं होनी चाहिए।

महात्मा गांधी  दक्षिण अफ्रीका में गांधी को जेल में रखा गया था। वहां के गवर्नर जनरल स्मार्ट्स ने उन्हें सख्त जेल में रखने का आदेश दिया ताकि वे टूट जाएं, लेकिन गांधी ने हार नहीं मानी।

गांधी के सत्याग्रह के सामने सरकार को झुकना पड़ा और अंततः उनकी मांगे मान ली गईं। उन्हें विजेता की तरह रिहा किया गया।

जेल में रहते हुए गांधी ने चप्पल बनाना सीखा और एक जोड़ी चप्पल बनाकर सहेज कर रखी।

रिहा होने के बाद गांधी ने जनरल स्मार्ट्स को वह चप्पल भेंट की और कहा कि उन्होंने यह चप्पल खुद उनके लिए बनाई है। स्मार्ट्स ने इस पर शर्मिंदगी महसूस की।

जब गांधी गोलमेज सम्मेलन के लिए लंदन गए, तब जनरल स्मार्ट्स उनसे मिलने आए और उन्हें अपने घर ले गए।

जनरल स्मार्ट्स ने अपने ड्राइंग रूम में गांधी को वह चप्पल दिखाई जिसे उन्होंने साउथ अफ्रीका में गांधी से प्राप्त किया था। उन्होंने बताया कि उनके पास इतना नैतिक बल नहीं था कि वे उसे पहन सकें, इसलिए उन्होंने उसे शोपीस की तरह सजा रखा है।

गांधी ने प्रेम और सत्याग्रह के माध्यम से जनरल स्मार्ट्स जैसे तानाशाही प्रवृत्ति वाले व्यक्ति का दिल जीत लिया। गांधी ने साबित किया कि प्रेम में इतनी ताकत होती है कि वह सबसे कठोर तानाशाह को भी झुका सकती है।