महात्मा गांधी एक बेखौफ़ इंसान थे, उनकी कोशिश होती थी कि उनके आसपास के लोगों के दिल से भी डर खत्म हो जाए।
गांधीजी केवल एक चीज़ से डरते थे—लोग उन्हें ईश्वर न बना दें, उनकी पूजा न शुरू कर दें, या उनकी मूर्तियाँ न स्थापित कर दें।
साउथ अफ्रीका में जनरल स्मट्स ने कहा था, "गांधी मैन ऑफ गॉड हैं। आम आदमी उन्हें समझ नहीं सकता।
एक बार गांधी अपने साथियों के साथ पैदल यात्रा कर रहे थे। धूप तेज हो चुकी थी, और वे एक बड़े पेड़ के नीचे आराम करने के लिए रुके। उस पेड़ के पास एक सूखा कुआं था।
जब गांधी शाम को वहां से रवाना हुए, तो अचानक कुएं से पानी का सोता फूट पड़ा। यह देखकर गाँव के लोग गांधी को चमत्कारी मानने लगे।
गाँव के लोग इतने खुश हुए कि उन्हें लगा कि गांधी बाबा ने चमत्कार किया है। वे उन्हें भगवान मानने लगे और जयकारे लगाने लगे।
गांधी ने कहा कि उन्हें कोई भ्रम नहीं है कि उनके कारण कुएं में पानी आया। उन्होंने गाँव वालों को भजन-कीर्तन बंद करने और अपने कामों में वापस लौटने की सलाह दी।
गांधी हमेशा यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि लोग उन्हें ईश्वर न समझें, बल्कि सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने पर ध्यान दें।