पंडित नेहरू की जेल यात्राएं स्वतंत्रता संग्राम का संघर्ष

पंडित नेहरू को 6 दिसंबर 1921 को गिरफ्तार किया गया, जब उन्होंने ब्रिटिश प्रिंस ऑफ वेल्स के दौरे का विरोध किया। उन्हें 87 दिनों के बाद रिहा किया गया।

 1923 में नाभा और पटियाला रियासतों के विवाद में हस्तक्षेप करने पर नेहरू को 12 दिन जेल में रखा गया।

 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान, 14 अप्रैल 1930 को गिरफ्तार किए गए नेहरू ने 181 दिन जेल में बिताए।

1930-1931 में किसानों को टैक्स न देने के लिए प्रेरित करने पर नेहरू को फिर से गिरफ्तार किया गया और 100 दिन जेल में रहे।

1931-1933 में किसानों के लिए आंदोलन करने पर नेहरू को 614 दिनों की सजा हुई, जिसमें उन्हें विभिन्न जेलों में रखा गया।

1934-1935 में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ भाषण देने के कारण नेहरू को 558 दिन जेल में बिताने पड़े।

1934-1935 में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ भाषण देने के कारण नेहरू को 558 दिन जेल में बिताने पड़े।

1940-1941में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान, सत्याग्रह में हिस्सा लेने के कारण नेहरू को 399 दिनों के लिए जेल में डाला गया।

1942-1945 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान नेहरू को 1,041 दिनों के लिए जेल में रखा गया। यह उनका सबसे लंबा जेल प्रवास था।

अपने जीवन के 9 साल से ज्यादा समय नेहरू ने जेल में बिताए, जो उनके स्वतंत्रता संग्राम के प्रति समर्पण और त्याग का प्रमाण है।