महारानी लक्ष्मी बाई को अपने वफ़ादार साथी ग़ुलाम ग़ौस और ख़ुदा बख़्श की शहादत पर बहुत ज़्यादा दुख हुआ। रानी ने उन दोनों साथियों के सम्मान में उन्हें अपने ही महल के अहाते में दफ़न करवाया।
इस बीच सरदार बुरहानुद्दीन, अचानक बीच में कूद पड़ा। तलवारबाजी के माहिर सरदार बुरहानुद्दीन ने अपनी तलवारबाजी से वह कारनामा कर दिखाया कि अंग्रेजों को मैदान छोड़कर भागना पड़ा।
रानी लक्ष्मी बाई जब जंग के मैदान में बहुत ज्यादा घायल हो गई। घायल रानी का बदला लेने के लिए गुल मुहम्मद ने क़ातिल अंग्रेज पर अपनी तलवार से करारा वार कर उसके शरीर के दो टुकड़े कर दिये।