पिस्तौल और बम इंकलाब नहीं लाते, बल्कि इंकलाब की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है।”
भगत सिंह ने कहा था - “पिस्तौल और बम इंकलाब नहीं लाते, बल्कि इंकलाब की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है।”
भगत सिंह ने स्पष्ट किया कि वे न तो वकील हैं और न ही अंग्रेजी विशेषज्ञ, इसलिए उनके बयान की भाषा संबंधी त्रुटियों को नजरअंदाज कर इसके अर्थ पर ध्यान दिया जाए।
उन्होंने असेंबली में बम फेंकने का उद्देश्य हत्या नहीं, बल्कि एक गंभीर चेतावनी देना बताया।
भगत सिंह ने कहा कि उन्होंने किसी को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से बम नहीं फेंके थे।
उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य गलत समझा गया और वे इसे स्पष्ट करने के लिए अदालत में आए हैं, न कि सजा में कमी के लिए।
उनके अनुसार 'इंकलाब जिंदाबाद' का मतलब पूंजीवादी व्यवस्था का अंत था, न कि हिंसा का प्रचार।
उन्होंने स्पष्ट किया कि वे सजा को लेकर चिंतित नहीं हैं, बल्कि वे अपने उद्देश्य को सही तरीके से समझाने के लिए अदालत में हैं।