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Credible History is an endeavour to preserve authentic history as gleaned through the lens of established, respected historians who have spent their lives researching it via reliable sources. It aims to counter the propaganda being spread through a large section of mainstream media and social media platforms, and provide easy access to established historical resources

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Wednesday November 21, 2024
पंडित जवाहर लाल नेहरू और रघुपति सहाय उर्फ फिराक गोरखपुरी

पंडित नेहरू से खास रिश्ता था फिराक गोरखपुरी का

फक्कड़, बेबाक और बेखौफ अंदाज वाले महान शायर रघुपति सहाय अगर रघुपति सहाय नाम से आप वाकिफ नहीं हैं तो ‘फिराक गोरखपुरी‘ नाम

टंट्या भील

टंट्या भील, जिनको पकड़ने के लिए आये थे इंग्लैंड से विशेष दस्ते

भारतीय इतिहास में प्रथम स्वाधीनता संग्राम के नायक टंट्या भील की जांबाजी का अमिट अध्याय है। उन्होंने भारत की माटी

बाघा यतीन्द्रनाथ मुखर्जी

“बाघा” जतिन, ब्रिटिश सत्ता को चुनौती देने वाले ‘क्रांतिकारी’ नायक

 यतीन्द्रनाथ मुखर्जी ने युवावस्था में एक शाही बाघ से लड़कर और उसे मारकर  बाघा जतिन  की पदवी प्राप्त की थी।

पंडित जवाहर लाल नेहरू और शेख़ अब्दुल्ला

मुस्लिम कॉन्फ्रेंस को नेशनल कॉन्फ्रेंस कैसे बनाया शेख़ अब्दुल्लाह ने

भारत के स्वाधीनता आंदोलन के दौर में, जिस समय देश भर में  मुस्लिम लीग और हिन्दू महासभा/ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

पंडित नेहरू

जब आनंद भवन में हुआ क्रांतिकारियों के स्वागत में जलसा

सुधीर विद्यार्थी भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के एक विशिष्ट शोधकर्ता हैं। चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह सहित अनेक क्रांतिकारियों पर उनकी बेहद

दुर्गावती वोहरा और भगत सिह

क्रांतिमूर्ति दुर्गा भाभी का क्रांतीकारी जीवन

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में क्रांतिमूर्ति दुर्गावती वोहरा का नाम प्रथम पंक्ति की महिला क्रांतिकारियों में लिया जाता है।

महात्मा गांधी

गांधीजी ने क्यों कहा था, मैं हिन्दू क्यों हूँ ?

महात्मा गांधी अपने समय के उन व्यक्तियों में से है जो व्यक्तिवाद की सीमाओं के पार जाकर सामूहिकता की चेतना

महात्मा गांधी

जब ऐनी बेसेंट ने बीएचयू में गांधीजी को भाषण देने से रोका

[पंडित मालवीय ने गांधीजी को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के उद्घाटन के अवसर पर बोलने के लिए आमंत्रित किया था। विश्वविद्यालय

वीर कुंवर सिंह के भाई वीर अमर सिंह

हार कर भी कभी नहीं हारे वाले कुवर सिंह के भाई अमर सिंह

1857 के विद्रोह में वीर कुंवर सिंह ने बिहार का नेतृत्व किया, इस इतिहास से अधिकांश लोग परचित है। उनके

बाबू मंगूराम

बाबू मंगूराम मुगोवालिया, जिनके मुरीद भगत भगत सिंह भी थे

मंगूराम, जिन्होंने पंजाब  में ऐड-धर्म आंदोलन की नींव रखी थी और गदर पार्टी से भी जुड़े हुए थे। उनको लोग

अय्यंकालि

बैलगाड़ी से ब्राह्मणों एवं नायरों के अंहकार को कुचलने वाले- अय्यंकालि

अय्यंकालि उन जाति-विरोधी योद्धाओं में से थे, जिन्‍होंने ब्राह्मणवादियों और उनकी सत्‍ता से समानता का हक़ हासिल करने के लिए

विजयलक्ष्मी पंडित

भारत अकेला है, जो वर्षों से लोकतंत्र के पक्ष में खड़ा रहा है – विजयलक्ष्मी पंडित

विजयलक्ष्मी पंडित  भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु की बहन थीं। परंतु, उनकी अपनी एक अलग विशिष्ट पहचान

गोदावरी पारूलेकर

मेहनकतकश लोगों और किसानों के लिए समर्पित जीवन- गोदुताई

“गोदुताई” ठाणे-पालघर क्षेत्र में पुराने वर्ली लोगों के बीच एक प्रसिद्ध नाम है। यह एक उपनाम था, जो प्यार से

लेडी आबला बोस

विधवा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने वाली लेडी अबाला बोस

अबाला बोस , रेडियो साइंस के पितामह जगदीशचंद्र बोस की जीवन संगिनी थीं। उन्होंने देश की महिलाओं को सामाजिक कुरीतियों

कल्पना दत्त

अंग्रेज़ों के खिलाफ़ हथियार उठाने वालीं ‘कल्पना दत्त’ : जन्मदिन विशेष

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनों में हर वर्ग और समुदाय ने अपना योगदान दिया। देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में सबने अपनी-अपनी

Gandhi- Sawarkar

क्या गांधीजी ने सावरकर को दया याचिकाएँ लिखने के लिए कहा था?

वर्तमान में सावरकर समाचारों में बहुत नज़र आते हैं। उनकी सराहना करती हुई कई पुस्तकों का बहुत जोर-शोर से विमोचित

भगत सिंह के परिवार को अपने घर पनाह देने वाले मौलाना हबीब-उर-रहमान

हिन्दुस्तान की आज़ादी के अज़ीम रहनुमा रईस उल अहरार मौलाना हबीब-उर-रहमान लुधियानवी ने ‘इस्लाम ख़तरे में है’ के नारे के

अरुणा आसफ़ अली

भूमिगत होकर गुप्त रेडियो प्रसारण चलानेवाली,अरुणा आसफ़ अली

अरुणा आसफ़ अली को अपनी स्मृति में कैद करने के कई तरीके हो सकते हैं, मसलन उन्हें उस भद्र महिला

दुर्गाबाई देशमुख

संविधान सभा में 750 संशोधन प्रस्ताव रखने वाली, दुर्गाबाई देशमुख

आधी आबादी की दुनिया में कुछ महिलाओं ने अंधेरी दुनिया से बाहर निकलने के लिए पहले अपने अंदर की संभावनाओं

Liyaqat Ali

1857 की गदर में इलाहाबाद के गुमनाम नायक मौलवी लियाक़त अली

1857 में मेरठ में प्रज्वलित होने वाली स्वतंत्रता संघर्ष की चिन्गारी सम्पूर्ण उत्तर भारत  में ज्वाला के समान धधक रही

ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध उलगुलान करने वाले सुरेन्द्र साए

सुरेन्द्र साए भारत के अग्रणी स्वाधीनता संग्राम सेनानी थे। 1857  के विद्रोह के 30 वर्ष पूर्व ही उन्होने ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध ‘उलगुलान’ (आन्दोलन)