जब अछूत परिवार को गांधीजी ने आश्रम में दाखिल किया
एक अछूत परिवार ने साबरमती आश्रम में स्थायी रूप से रहने की इच्छा प्रकट की । गांधीजी ने उन्हें
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एक अछूत परिवार ने साबरमती आश्रम में स्थायी रूप से रहने की इच्छा प्रकट की । गांधीजी ने उन्हें
पसमान्दा मुसलमान और उनके दु:ख-दर्द को लेकर अरसे से संघर्ष कर रहे भूतपूर्व सांसद, पत्रकार, लेखक और जुझारू नेता अली
भगत सिंह भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के पहले नेता थे जिन्होंने सांप्रदायिकता के साथ-साथ जाति के मसले पर गंभीर हस्तक्षेप किया।
मंगूराम, जिन्होंने पंजाब में ऐड-धर्म आंदोलन की नींव रखी थी और गदर पार्टी से भी जुड़े हुए थे। उनको लोग
अय्यंकालि उन जाति-विरोधी योद्धाओं में से थे, जिन्होंने ब्राह्मणवादियों और उनकी सत्ता से समानता का हक़ हासिल करने के लिए
“गाँधी को पूर्वाग्रहों के लिए क्षमा किया जाना चाहिए और हमें उनका मूल्यांकन उनके समय और परिस्थितियों को ध्यान में
बाबा साहब भीमराव आंबेडकर भारतीय चिंतन परंपरा में वह व्यक्ति है जिन्होंने महिलाओं के सामाजिक-सांस्कृतिक-आर्थिक-धार्मिक और जातिय बेड़ियों की
[गांधी और जाति के सवाल पर बहुत कुछ कहा जाता है। आज उस पर ही कुछ बात।] बारडोली से चंपारण
क्रांतिकारी आंदोलन में भगत सिंह पहले ऐसे नेता थे जिन्होंने जाति के सवाल पर गंभीरता से बात की थी। उनका