Edit Content

Credible History is an endeavour to preserve authentic history as gleaned through the lens of established, respected historians who have spent their lives researching it via reliable sources. It aims to counter the propaganda being spread through a large section of mainstream media and social media platforms, and provide easy access to established historical resources

Editorial Address : 123 Kirpal Apartment, 44 IP Extension, Patparganj, Delhi -110092

N/A

Friday December 6, 2024
मुहम्मदी बेगम

मुहम्मदी बेगम: भारत की पहली मुस्लिम महिला संपादक

मुस्लिम जगत में सैयदा मुहम्मदी बेगम को महिला सशक्तिकरण और भारतीय उपमहाद्वीप की पहली महिला पत्रकार के तौर पर जाना

प्रेमचंद

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ के नज़र में प्रेमचंद

  शिवकुमार मिश्र द्वारा सम्पादित अंग्रेजी पुस्तक ‘आवर कंटम्परोरी प्रेमचन्द’ के लिए यह टिप्पणी फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ ने विशेष तौर

जवाहरलाल नेहरु और रामधारी सिंह दिनकर

 पंडित नेहरू ने मेरी कविता पर वाहवाही सिर्फ एक बार दी थी- दिनकर

लाल किले पर कवि सम्मेलन हो रहा था, तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे थे।  राष्ट्रकवि

जवाहरलाल नेहरू

दूसरा जलियांवाला बाग था रायबरेली का ‘मुंशीगंज गोलीकांड’

  रायबरेली से 10 किलोमीटर दूर पड़ता है मुंशीगंज इलाका। इसके किनारे पर बहती सई नदी यूं तो शांत रहती

सुभाष और नेहरु

जब सुभाष ने निर्वासन में और जवाहरलाल ने जेल में लिखी किताबें

  सुभाष और जवाहरलाल दोनों में से एक को निर्वासन और दूसरे को जेल में रहना पड़ा था;  वर्ष 1934

लाला लाजपत राय और मिस मेयो कैथरीन की किताब 'मदर इंडिया'

क्यों किताब ‘मदर इंडिया’ के आलोचक थे लाला लाजपत राय

बीसवीं सदी के दूसरे दशक की  सामाजिक, राजनैतिक और साहित्यिक गतिविधियों के बीच  मिस मेयो कैथरीन की किताब ‘मदर इंडिया‘

पंडित जवाहर लाल नेहरू और रघुपति सहाय उर्फ फिराक गोरखपुरी

पंडित नेहरू से खास रिश्ता था फिराक गोरखपुरी का

फक्कड़, बेबाक और बेखौफ अंदाज वाले महान शायर रघुपति सहाय अगर रघुपति सहाय नाम से आप वाकिफ नहीं हैं तो ‘फिराक गोरखपुरी‘ नाम

जयशंकर प्रसाद, प्रेमचंद और गजाजन माधव मुक्तिबोध

मेरी माँ ने मुझे प्रेमचंद का भक्त बनाया-गजानन माधव मुक्तिबोध

वर्धा से प्रकाशित राष्ट्रभारती में कुछ संस्मरणात्मक टिप्पणी छपी थी। जिसे बाद में दस्तावेज अंक में संकलित किया गया था

प्रेमचंद और गणेशशंकर विद्यार्थी

गणेशशंकर विद्यार्थी को प्रेमचंद की श्रद्धांजलि

प्रेमचंद और गणेश शंकर विद्यार्थी  दोनों  समकालीन थे। प्रेमचंद कानपुर के आर्यसमाजी हिन्दी पत्र प्रताप के संपादक गणेशशंकर विद्यार्थी के

ratan nath dhar sarshar

पंडित रतन नाथ धर “सरशार”: कश्मीरियत और गंगा-जमनी तहजीब के प्रतीक

अंग्रेजी के सबसे प्रसिद्ध उपन्यासकारों में से एक चार्ल्स डिकिन्स ने “पिकविक पेपर्स” नाम से एक उपन्यास लिखा था। यह