जब गांधी जी ने साम्यवाद शब्द के अर्थ स्पष्ट करने की कोशिश की
[ यह भाषण गांधी ने 16 मार्च, 1931 को मुम्बई में मजदूरों की सभा में हिन्दी में दिया था। इस भाषण के सार को
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[ यह भाषण गांधी ने 16 मार्च, 1931 को मुम्बई में मजदूरों की सभा में हिन्दी में दिया था। इस भाषण के सार को गांधी के
भारतमाता को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त कराने हेतु हँसते हुए
शेख भिखारी साहब, वह व्यक्ति जिन्होंने जनरल डलहौजी के डाक्ट्रिन ऑफ़
उन्नीसवीं सदी भारत में पुनर्जागरण की सदी मानी जाती है। खासतौर
चंपारण में गांधीजी के आंदोलन से सरकार खुश नहीं थी।
महात्मा गाँधी ने 1934 में प्रसिद्ध गायक दिलीप राय से
घर से भागकर भगतसिंह कानपुर चले गये। वहाँ वे गणेशशंकर
एम.ए. पास करने के बाद मेरे भविष्य का सवाल भी उठ
राजकुमारी अमृत कौर (1889-1964) भारत की पहली स्वास्थ्य
शेख भिखारी साहब, वह व्यक्ति जिन्होंने जनरल डलहौजी के डाक्ट्रिन ऑफ़ लैप्स का विरोध किया, जिसका एकमात्र उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य
उन्नीसवीं सदी भारत में पुनर्जागरण की सदी मानी जाती है। खासतौर पर महाराष्ट्र और बंगाल में इस दौर में समाज
महात्मा गाँधी ने 1934 में प्रसिद्ध गायक दिलीप राय से बातचीत करते हुए कहा- जीवन समस्त कलाओं से श्रेष्ठ
[ यह भाषण गांधी ने 16 मार्च, 1931 को मुम्बई में मजदूरों की सभा में हिन्दी में दिया था। इस भाषण के सार को
भारतमाता को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त कराने हेतु हँसते हुए फाँसी के फंदे को चूमनेवाले अखंड भारत के भूखंड सिंध के वीर सेनानी बलिदानी
शेख भिखारी साहब, वह व्यक्ति जिन्होंने जनरल डलहौजी के डाक्ट्रिन ऑफ़ लैप्स का विरोध किया, जिसका एकमात्र उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य का विस्तार करना था। वह
उन्नीसवीं सदी भारत में पुनर्जागरण की सदी मानी जाती है। खासतौर पर महाराष्ट्र और बंगाल में इस दौर में समाज सुधारों के जो आन्दोलन चले
चंपारण में गांधीजी के आंदोलन से सरकार खुश नहीं थी। वह चाहती थी कि हर हाल में गांधीजी चंपारण छोड़कर चले जाएँ। गांधीजी ने
महात्मा गाँधी ने 1934 में प्रसिद्ध गायक दिलीप राय से बातचीत करते हुए कहा- जीवन समस्त कलाओं से श्रेष्ठ है। मैं तो मानता हूं