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Friday April 19, 2024
महात्मा गांधी

जब गांधी जी ने साम्यवाद शब्द के अर्थ स्पष्ट करने

  [ यह भाषण गांधी ने 16 मार्च, 1931 को मुम्बई में मजदूरों की सभा में हिन्दी में दिया था। इस भाषण के सार को गांधी के

हेमू कालाणी

‘वंदे मातरम्’ के नारे के साथ फाँसी

भारतमाता को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त कराने हेतु हँसते हुए

शेख भिखारी साहब

डलहौजी के ‘डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स’ का विरोध 

शेख भिखारी साहब, वह व्यक्ति जिन्होंने जनरल डलहौजी के डाक्ट्रिन ऑफ़ 

ramabai

एक कामकाजी, एकल अभिभावक स्त्री की दिक्कतें-

उन्नीसवीं सदी भारत में पुनर्जागरण की सदी मानी जाती है। खासतौर

MAHATMA GANDHI

महात्मा गांधी की पहली रांची यात्रा

  चंपारण में गांधीजी के आंदोलन से सरकार खुश नहीं थी।

रवीन्द्र नाथ टैगौर और महात्मा गाँधी 

क्यों चला रवीन्द्र नाथ टैगौर और गाँधी

  महात्मा गाँधी  ने 1934 में प्रसिद्ध गायक दिलीप राय से

bhagat singh

जब होली के दिन बब्बर अकालियों को

  घर से भागकर भगतसिंह कानपुर चले गये। वहाँ वे गणेशशंकर

आर्चाय कृपलानी और महात्मा गांधी

जब गांधीजी से पहली बार मिले, आर्चाय

एम.ए. पास करने के बाद मेरे भविष्य का सवाल भी उठ

राजकुमारी अमृत कौर

 स्वास्थ्य सेवाओं का राष्ट्रीयकरण क्यों जरूरी है

        राजकुमारी अमृत कौर (1889-1964) भारत की पहली स्वास्थ्य

Social History

शेख भिखारी साहब

डलहौजी के ‘डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स’ का विरोध  करने वाले, शेख भिखारी साहब

शेख भिखारी साहब, वह व्यक्ति जिन्होंने जनरल डलहौजी के डाक्ट्रिन ऑफ़  लैप्स का विरोध किया, जिसका एकमात्र उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य

ramabai

एक कामकाजी, एकल अभिभावक स्त्री की दिक्कतें- रमाबाई

उन्नीसवीं सदी भारत में पुनर्जागरण की सदी मानी जाती है। खासतौर पर महाराष्ट्र और बंगाल में इस दौर में समाज

रवीन्द्र नाथ टैगौर और महात्मा गाँधी 

क्यों चला रवीन्द्र नाथ टैगौर और गाँधी जी का लम्बा ‘शास्त्रार्थ’

  महात्मा गाँधी  ने 1934 में प्रसिद्ध गायक दिलीप राय से बातचीत करते हुए कहा- जीवन समस्त कलाओं से श्रेष्ठ

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हेमू कालाणी

‘वंदे मातरम्’ के नारे के साथ फाँसी के फंदे पर झूल जाने वाले हेमू कालाणी

भारतमाता को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त कराने हेतु हँसते हुए फाँसी के फंदे को चूमनेवाले अखंड भारत के भूखंड सिंध के वीर सेनानी बलिदानी

शेख भिखारी साहब

डलहौजी के ‘डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स’ का विरोध  करने वाले, शेख भिखारी साहब

शेख भिखारी साहब, वह व्यक्ति जिन्होंने जनरल डलहौजी के डाक्ट्रिन ऑफ़  लैप्स का विरोध किया, जिसका एकमात्र उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य का विस्तार करना था। वह

रवीन्द्र नाथ टैगौर और महात्मा गाँधी 

क्यों चला रवीन्द्र नाथ टैगौर और गाँधी जी का लम्बा ‘शास्त्रार्थ’

  महात्मा गाँधी  ने 1934 में प्रसिद्ध गायक दिलीप राय से बातचीत करते हुए कहा- जीवन समस्त कलाओं से श्रेष्ठ है। मैं तो मानता हूं