चारु चंद्र बोस जिन्होंने विकलांगता से ऊपर उठकर स्वतंत्रता संग्राम में दिया योगदान
चारु चंद्र बोस जिन्होंने अपने दोषपूर्ण दाहिने हाथ के बावजूद उसे अपने लाभ के लिए इस्तेमाल किया और भारत की स्वतंत्रता के क्रांतिकारी आंदोलन में
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जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद गांधीजी ने अंग्रेज़ों के खिलाफ एक मुहिम छेड़ दी थी । आंदोलन का नाम था असहयोग आंदोलन । आंदोलन को पूरे भारत
जब अंग्रेजों के प्रति निष्क्रिय प्रतिरोध से कोई परिणाम नहीं मिल
महात्मा गांधी और सरदार पटेल के बीच मूल्यों और मानदंडों की
कूका आंदोलन का जन्म 19वीं शताब्दी में पंजाब में हुआ था।
जब चंद्रशेखर आज़ाद बम्बई में थे, तब वह अपने क्रांतिकारी जीवन
26 नवंबर 1938 के हरिजन में “The Jews” शीर्षक महात्मा गांधी
महात्मा गांधी का व्यक्तित्व न केवल उनकी सादगी और विनम्रता से
पटना एक प्राचीन शहर। अवंति के आक्रमण के डर से मगध
1931 में महात्मा गांधी को इंग्लैंड में गोलमेज परिषद के लिए
26 नवंबर 1938 के हरिजन में “The Jews” शीर्षक महात्मा गांधी के लेख पर जबरदस्त विवाद हुआ था। एक वर्ग
महात्मा गांधी का व्यक्तित्व न केवल उनकी सादगी और विनम्रता से परिभाषित था, बल्कि उनके आत्मबल और अटूट सिद्धांतों से
हरिगोपाल बाल या बाउल जिन्हें लोकप्रिय रूप से टेगरा कहा जाता है एक बंगाली क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ क्रांतिकारी गतिविधियों
चारु चंद्र बोस जिन्होंने अपने दोषपूर्ण दाहिने हाथ के बावजूद उसे अपने लाभ के लिए इस्तेमाल किया और भारत की स्वतंत्रता के क्रांतिकारी आंदोलन में
जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद गांधीजी ने अंग्रेज़ों के खिलाफ एक मुहिम छेड़ दी थी । आंदोलन का नाम था असहयोग आंदोलन । आंदोलन को
जब अंग्रेजों के प्रति निष्क्रिय प्रतिरोध से कोई परिणाम नहीं मिल रहा था, तो भारतीय क्रांतिकारियों के एक समूह ने यह निर्णय लिया कि अब
महात्मा गांधी और सरदार पटेल के बीच मूल्यों और मानदंडों की एक गहरी एकता थी। दोनों के बीच वफादारी और व्यक्तिगत स्नेह का ऐसा बंधन
कूका आंदोलन का जन्म 19वीं शताब्दी में पंजाब में हुआ था। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में ‘कूका विद्रोह’ का महत्वपूर्ण स्थान है। इस
जब चंद्रशेखर आज़ाद बम्बई में थे, तब वह अपने क्रांतिकारी जीवन के एक महत्वपूर्ण और संघर्षपूर्ण दौर से गुजर रहे थे। साथियों के पकड़े जाने