भारतमाता के प्रति नेहरू जी की क्या अवधारण थी
पंडित नेहरू देश के कोने-कोने में आयोजित जलसों में जाकर आम लोगों को बताते थे कि अनेक हिस्सों में बँटा
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पंडित नेहरू देश के कोने-कोने में आयोजित जलसों में जाकर आम लोगों को बताते थे कि अनेक हिस्सों में बँटा
व्यक्तिगत सत्याग्रह 1941 से लेकर 1942 तक चला। 17 अक्टूबर 1940 को महात्मा गांधी ने जिसकी शुरुआत की थी। यह
गांधी 1 अगस्त 1947 को पहली और आख़िरी बार कश्मीर गए । असल में शेख़ अब्दुल्ला की रिहाई में हो
कवयित्री और लेखिका महादेवी वर्मा के रेखाचित्र और संस्मरण भारतीय साहित्य की धरोहर हैं। आधुनिक हिंदी की मीरा के नाम
अरुणा आसफ़ अली को अपनी स्मृति में कैद करने के कई तरीके हो सकते हैं, मसलन उन्हें उस भद्र महिला
आधी आबादी की दुनिया में कुछ महिलाओं ने अंधेरी दुनिया से बाहर निकलने के लिए पहले अपने अंदर की संभावनाओं
सुचेता कृपलानी को अधिकांश लोग इस नाते ही जानते हैं कि उन्होंने एक लेक्चरर के तौर पर अपने करियर की
गाँधी की हत्या के बाद अलग-थलग पड़ चुके हिन्दुत्ववादी दक्षिणपंथ के लिए आज़ाद हिन्दुस्तान का इकलौता मुस्लिम बहुल प्रदेश कश्मीर
प्रो भानु कपिल नरेंद्र मोदी की बीजेपी को इसके लिए धन्यवाद ज़रूर देना चाहिए कि उसने इतिहास में लोगों की
[रामधारी सिंह दिनकर (1908-1974) हिन्दी के महत्त्वपूर्ण कवि और लेखक हैं। वह राज्यसभा के सदस्य थे, तब लगभग 12 वर्ष
[शेख़ मोहम्मद अब्दुल्ला (1905-1981) जिन्हें शेर-ए-काश्मीर भी कहा जाता है, कश्मीर के सबसे महत्त्वपूर्ण नेताओं में थे। आज़ादी के बाद
नेहरू के भारत विजन को लेकर अगर हम नए सिरे से विमर्श कर रहे हैं तो यह उनकी दूरदृष्टिता का
दिल्ली विश्वविद्यालय के सिलेबस से सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा लिखने वाले कवि मोहम्मद इक़बाल को सिलेबस से निकालने
जवाहर ही मेरा उत्तराधिकारी होगा- महात्मा गांधी [ इस भाषण की पृष्ठभूमि में कांग्रेस वर्किंग कमेटी का वह प्रस्ताव है
मार्टिन लूथर किंग, जूनियर(1929-1968) अमेरिका में नागरिक आन्दोलन (1955-1968 में अपनी हत्या तक) के सबसे बड़े प्रवक्ता थे। वह अहिंसा
नेहरू और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद(1888-1958)आपस में बहुत अच्छे दोस्त थे और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों
सामाजिक मुद्दों के लिए जीवन समर्पित करने वाली मृदुला साराभाई मृदला साराभाई वह महिला जो आजादी के आंदोलनों में सफेद
मार्क्स यदि जीवित होते तो 5 मई 2018 को 202 वर्ष के हो गए होते। तो क्या? क्या मार्क्स के
[सरदार वल्लभभाई पटेल (1875-1950) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे महत्त्वपूर्ण नेताओं में थे जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में और बाद
बात 1947 की है। विभाजन के बाद सीमा के दोनों ओर इंसान, इंसान के ख़ून का प्यासा हो गया था।
मुंशी प्रेमचंद ने जनवरी 1936 में हंस पत्रिका के अपना सम्पादकीय, पं. नेहरू के हिंन्दी साहित्य से निराशा पर
1 जुलाई, 1946 को बिकनी द्वीप समूह पर संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा अणुबम का परीक्षण करने पर नेहरू का बयान
; अंबेडकर साहब संविधान सभा में बंगाल से क्यों गए? अभी हाल में ही एक टीवी डिबेट में यह
कुछ आलोचक पं.जवाहरलाल नेहरू पर समाचार-पत्र तथा विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता पर बहुत से प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाते
नेहरू सोच रहे हैं। आज गुरुवार को अख़बार (TOI) में एक जबर्दस्त तस्वीर छपी। हो सकता है अनजाने में छप
आज़ाद की शहादत 27 फरवरी को आज़ाद अल्फ्रेड पार्क के लिए निकले। उस दिन वह सुखदेव राज से मिलने
चालीस करोड़ों की आवाज़ सहगल-ढिल्लन-शाहनवाज़ दिल्ली के लाल क़िले में जब आज़ाद हिन्द फ़ौज़ के जाँबाज सिपाहियों पर अंग्रेज़ी
हिन्दी में अंग्रेज़ी में એસ. ઇરફાન હબીબ અનુવાદ: આર્જવ પારેખ એ બહુ પ્રસિદ્ધ વાત છે કે જવાહરલાલ નેહરૂ પોતાને ‘કેટલીય
[मूल अंग्रेज़ी में प्रकाशित यह लेख हिन्दी के पाठकों के लिए भी प्रस्तुत है।] अंग्रेज़ी का लेख यहाँ पढ़ें –
Read it In Hindi — Jawaharlal Nehru famously called himself a “dabbler in many things” which explains why he should
[आज़ादी के बाद देश में फैले दंगों और प्रशासनिक कार्यवाहियों तथा कुछ अन्य चीज़ों के कारण नेहरू और पटेल के
आरोप : सोशल मीडिया पर यह बात भी गाहे बगाहे कही जाती है कि जवाहरलाल नेहरू को किसी नियमित जेल
[आज़ादी की लड़ाई सिर्फ़ कुछ नायकों की नहीं। महिलाओं ने इसमें बढ़-चढ़ के भागीदारी की थी। ऐसी ही एक नायिका
यह बहस उस दौर से आजतक चलती आ रही है कि गांधी ने भगत सिंह को फाँसी से बचाने
[ Omkar is a young student, inclined towards Gandhian thought. This is his very first article. We welcome all such