पंजाब में पहले किसान आंदोलन के नेता सरदार अजीत सिंह
अजीत सिंह भारत के सुप्रसिद्ध राष्ट्रभक्त एवं क्रांतिकारी थे। वह शहीद सरदार भगत सिंह के चाचा थे। उन्होंने भारत में
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अजीत सिंह भारत के सुप्रसिद्ध राष्ट्रभक्त एवं क्रांतिकारी थे। वह शहीद सरदार भगत सिंह के चाचा थे। उन्होंने भारत में
भगत सिंह एक सशस्त्र क्रान्ति द्वारा भारत में समाजवादी शासन स्थापित करना चाहते थे। गांधी अहिंसा और सत्याग्रह के
सोशल मीडिया पर महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू के बारे में ऐसी कई बातें फैलाई जा रही हैं, जिनका
आज जयदेव कपूर का जन्म दिवस है, उनका ज न्म आज के ही दिन 24 अक्टूबए 1908 को आर्यसमाजी परिवार
भगत सिंह भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के पहले नेता थे जिन्होंने सांप्रदायिकता के साथ-साथ जाति के मसले पर गंभीर हस्तक्षेप किया।
मंगूराम, जिन्होंने पंजाब में ऐड-धर्म आंदोलन की नींव रखी थी और गदर पार्टी से भी जुड़े हुए थे। उनको लोग
यह वह दौर था जब चंद्रशेखर आज़ाद और उनके साथी ‘हिन्दुस्ताव प्रजातान्त्रिक समाजवादी दल’ की स्थापना कर चुके थे और
हिन्दुस्तान की आज़ादी के अज़ीम रहनुमा रईस उल अहरार मौलाना हबीब-उर-रहमान लुधियानवी ने ‘इस्लाम ख़तरे में है’ के नारे के
भगतसिंह और आज़ाद के साथी, एक ऐसे क्रान्तिकारी जिनके बारे में देश के आम लोग अब भी बहुत कम जानते
क्रांतिकारी विचारक, संगठनकर्ता, वक्ता, प्रचारक आदि के रूप में भगवती चरन अक्सर याद किए जाते है।इसके साथ-साथ आदर्श के प्रति
आज़ादी के आन्दोलन में कई युवा क्रांतिकारी हुए जिनका जीवन काफी छोटा था लेकिन इस छोटे से जीवन में उन्होंने
बनारसीदास चतुर्वेदी ने अपने संपादन में भगवानदास माहौर, सदाशिवराव मलकापुरकर और शिव वर्मा के सहयोग से यश की धरोहर शहीद-ग्रन्थ-माला
भगत सिंह हमारी राष्ट्रीय चेतना में कितने गहरे बसे हैं इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि
[आज अमर क्रांतिकारी चद्रशेखर आज़ाद की पुण्यतिथि है। आज से ठीक 91 साल पहले 27 फरवरी 1931 के दिन इलाहाबाद
Kangana Ranaut had once again made some naïve claims. The myth of Bhagat Singh execution has been already debunked. Now
भगत सिंह जब ज़िंदा थे तो ब्रिटिश सरकार ने उनपर हत्या और राजद्रोह का अभियोग चलाया। अँग्रेज़ी साम्राज्य के
[आज़ादी की लड़ाई सिर्फ़ कुछ नायकों की नहीं। महिलाओं ने इसमें बढ़-चढ़ के भागीदारी की थी। ऐसी ही एक नायिका
यह बहस उस दौर से आजतक चलती आ रही है कि गांधी ने भगत सिंह को फाँसी से बचाने
प्रिय साथियों आज शहीद-ए-आजम भगत सिंह का जन्मदिन है। हम सब के लिए, इस देश के लिए उत्सव का एक
[भगत सिंह और उनके साथियों के पक्ष में मुक़दमा लड़ने वाले लोगों को लेकर अक्सर सवाल उठाए जाते हैं। पढ़िए
[8 अप्रैल, 1929 को भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने असेंबली में बम फेंकने के साथ एक पर्चा भी फेंका
[अमृतसर में अप्रैल 1928 में हुए सम्मेलन के लिए तैयार किया गया नौजवान भारत सभा का घोषणा पत्र] नौजवान साथियो,
क्रांतिकारी आंदोलन में भगत सिंह पहले ऐसे नेता थे जिन्होंने जाति के सवाल पर गंभीरता से बात की थी। उनका