मौलना आज़ाद और राष्ट्रवाद पर भाषण
मौलना आज़ाद खुद को मुस्लिम नेता कहलाना पसंद नहीं था आज़ाद को। आज़ाद बहुत बड़े राष्ट्रवादी थे। भारत की आजादी के बाद वे एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक पद पर रहे। वे महात्मा गांधी के सिद्धांतो का समर्थन करते थे। खिलाफत आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। आजाद के बहुविध लेखों में उनके राष्ट्रवादी दर्शन तथा धर्मनिरपेक्षता. पर आधारित धार्मिक दर्शन की झलक मिलती है। मूल्य आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने में उनके योगदान की सराहना करते हुए सरोजिनी नायडू ने कहा, ‘‘स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।’’ आजाद स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री भी थे।
अखिल भारतीय अल्पसंख्यक कांग्रेस के आयोजन में मौलना आज़ाद और राष्ट्रवाद पर भाषण।
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