जब सरदार पटेल ने किया सुभाष चंद्र बोस पर मुकदमा
देश की स्वतंत्रता के लिए कई क्रांतिकारी वीरों तथा नेताओं ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उन्होंने स्वतंत्रता के आसमान
Credible History is an endeavour to preserve authentic history as gleaned through the lens of established, respected historians who have spent their lives researching it via reliable sources. It aims to counter the propaganda being spread through a large section of mainstream media and social media platforms, and provide easy access to established historical resources
Editorial Address : 123 Kirpal Apartment, 44 IP Extension, Patparganj, Delhi -110092
N/A
देश की स्वतंत्रता के लिए कई क्रांतिकारी वीरों तथा नेताओं ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उन्होंने स्वतंत्रता के आसमान
नेताजी की हिटलर से मुलाक़ात को लेकर बहुत कुछ कहा जाता है। जर्मनी में रहते हुए उनकी एक बार
आज ही के दिन 27 फरवरी 1931 को चंद्रशेखर आज़ाद इलाहाबाद में पुलिस के साथ ही मुठभेड़ में शहीद
स्वामी श्रद्धानंद की हत्या अब्दुल राशिद नामक एक व्यक्ति ने की थी। बीमार श्रद्धानंद के सीने में दो गोलियाँ उतार
15 वीं शताब्दी की शुरुआत में सिकंदर बुतशिखान के शासन के दौरान मार्तंड सूर्य मंदिर को नष्ट कर दिया गया था, जो
भगत सिंह एक सशस्त्र क्रान्ति द्वारा भारत में समाजवादी शासन स्थापित करना चाहते थे। गांधी अहिंसा और सत्याग्रह के
देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का देहांत 1964 में हुआ। औपनिवेशिक भारत के दासता से मुक्त होने के
महात्मा गांधी एक बात भलीभांति जानते थे कि अंग्रेजों के विरुद्ध हिंदू और मुसलमान दोनों को मिलकर लड़ाई
राष्ट्रगान जन गण मन जितना पुराना है, उस पर विवाद भी लगभग उतना ही पुराना है। क्या जन गण मन
कैसे हुई थी स्वामी श्रद्धानंद की हत्या? क्यों कहा था महात्मा गांधी ने उनके हत्यारे को भाई? स्वामी श्रद्धानन्द की
अक्सर ये बात उठती रहती है कि पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू, देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार पटेल के
नाभा में पंडित नेहरू जब गिरफ्तार हुए थे, उस समय क्या-क्या घटनाएं हुई थी, नाभा पंजाब में एक छोटा सा
वर्तमान में सावरकर समाचारों में बहुत नज़र आते हैं। उनकी सराहना करती हुई कई पुस्तकों का बहुत जोर-शोर से विमोचित
अतिरेकी तारीफ़ की यह परंपरा दुर्भाग्य से सावरकर के जीवनीकारों ने भी जारी रखी है। उदाहरण के लिए संपथ 1906
सावरकर की पहली जीवनी ‘द लाइफ ऑफ बैरिस्टर सावरकर’ पहली बार मद्रास के जी पॉल एंड कंपनी पब्लिशर से 1926
बात 1947 की है। विभाजन के बाद सीमा के दोनों ओर इंसान, इंसान के ख़ून का प्यासा हो गया था।
1914 में पहला विश्वयुद्ध शुरू होने पर सावरकर ने एक बार फिर ब्रिटिश सरकार से रिहाई के लिए याचिका प्रस्तुत
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दावा किया है कि मराठों में हमेशा एकता रही है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है
कौन है अधिनायक? : राष्ट्रगान विवाद उज्ज्वल भट्टाचार्य राष्ट्रगान जन गण मन जितना पुराना है, उस पर विवाद भी लगभग
मनोज मुंतशिर ने हाल ही में एक वीडियो में विश्व विरासत ‘ताजमहल’, शाहजहाँ एवं मुगलों पर अनैतिहासिक टिप्पणियाँ की हैं।
आज़ाद की शहादत 27 फरवरी को आज़ाद अल्फ्रेड पार्क के लिए निकले। उस दिन वह सुखदेव राज से मिलने
ए एन आई के एक ट्वीट के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गोवा पुतगाल के क़ब्ज़े में तब
[इस लेख के साथ वेबसाइट को बहुभाषी बनाने के अपने संकल्प की हम शुरुआत कर रहे हैं। हिन्दी में प्रकाशित
Kangana Ranaut had once again made some naïve claims. The myth of Bhagat Singh execution has been already debunked. Now
पिछले कुछ दिनों में भारत की स्वतंत्रता के बारे में बेसिरपैर की , हास्यास्पद पर व्यापक पैमाने पर अपनी पहुंच
इस मामले को ऐसे पेश किया जाता है जैसे नेहरू ने बर्मा यानी म्यांमार को जन्मदिन के तोहफे के रूप
औरंगज़ेब का भूत . औरंगज़ेब का नाम उस तड़के की तरह है जिससे साम्प्रदायिक राजनीति की दाल काफी टेस्टी हो
[क्या ऑस्ट्रेलिया का नाम अस्त्रागार की वजह से पड़ा? क्या महाभारत काल में वहाँ रखे जाते थे हथियार? विजय शंकर
फेक फ़ैक्ट एक मैसेज सोशल मीडिआ में चल रहा है कि अब्राहम लिंकन जब भारत आए तो उनकी माँ ने
आरोप : सोशल मीडिया पर यह बात भी गाहे बगाहे कही जाती है कि जवाहरलाल नेहरू को किसी नियमित जेल
हमने बहुत से फेक न्यूज़ देखे हैं। बहुतों का जवाब दिया है। लेकिन ऐसा फेक न्यूज़ न देखा, न सुना।
DLYouTube Downloading Facebook videos Powered by Embed YouTube Video तथ्य : गांधी ने ब्रिटिश सरकार को
कितने पंडित विस्थापित हुए? 1990 के दशक में कश्मीर घाटी में आतंकवाद के चरम के समय बड़ी संख्या में कश्मीरी
स्वामी श्रद्धानन्द की हत्या 23 दिसम्बर 1926 को दिल्ली में हुई थी। उसके बाद गाँधी जी का स्वामी श्रद्धानन्द जी
यह बहस उस दौर से आजतक चलती आ रही है कि गांधी ने भगत सिंह को फाँसी से बचाने