मस्जिद में क्या करने गए थे सावरकर
विनायक दामोदर सावरकर ने छात्र जीवन में एक बार मस्जिद तोड़ने की गुप्त साजिश रची थी। यहां तक कि उन्होंने
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विनायक दामोदर सावरकर ने छात्र जीवन में एक बार मस्जिद तोड़ने की गुप्त साजिश रची थी। यहां तक कि उन्होंने
औपनिवेशिक दौर में भारतीय समाज में कमोबेश हर जातीय-धार्मिक समुदाय में महिलाओं के शिक्षा की एक जैसी ही स्थिति
स्वामी श्रद्धानंद की हत्या अब्दुल राशिद नामक एक व्यक्ति ने की थी। बीमार श्रद्धानंद के सीने में दो गोलियाँ उतार
महात्मा गांधी एक बात भलीभांति जानते थे कि अंग्रेजों के विरुद्ध हिंदू और मुसलमान दोनों को मिलकर लड़ाई
पसमान्दा मुसलमान और उनके दु:ख-दर्द को लेकर अरसे से संघर्ष कर रहे भूतपूर्व सांसद, पत्रकार, लेखक और जुझारू नेता अली
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शांतीमोय रे ने अपनी किताब ‘Freedom Movement and Indian Muslims‘ में इस पर विस्तार से लिखा है। प्रस्तुत है