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गांधीजी ने क्यों कहा था, मैं हिन्दू क्यों हूँ ?
महात्मा गांधी अपने समय के उन व्यक्तियों में से है जो व्यक्तिवाद की सीमाओं के पार जाकर सामूहिकता की चेतना…
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अंग्रेजी शिक्षा माध्यम ने हमारे बीच खाई पैदा कर दी है…
महात्मा गांधी मातृभाषा में शिक्षा के प्रबल समर्थक थे, अपने स्कूली शिक्षा के दौरान उन्होंने मातृभाषा और अंग्रेजी भाषा में…
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जब ऐनी बेसेंट ने बीएचयू में गांधीजी को भाषण देने से रोका
[पंडित मालवीय ने गांधीजी को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के उद्घाटन के अवसर पर बोलने के लिए आमंत्रित किया था। विश्वविद्यालय…
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मज़हब के ऊपर था ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान का राष्ट्रवाद
ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान या बादशाह ख़ान उनलोगों में से थे, जो अविभाजित राष्ट्रवाद के साथ ही अविभाजित राष्ट्र…
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क्यों भगत सिंह अछूतों के सवाल को जरूरी मानते थे
भगत सिंह भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के पहले नेता थे जिन्होंने सांप्रदायिकता के साथ-साथ जाति के मसले पर गंभीर हस्तक्षेप किया।…
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हार कर भी कभी नहीं हारे वाले कुवर सिंह के भाई अमर सिंह
1857 के विद्रोह में वीर कुंवर सिंह ने बिहार का नेतृत्व किया, इस इतिहास से अधिकांश लोग परचित है। उनके…
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जब गांधीजी ने अपनी अन्तिम कश्मीर यात्रा की
गांधी 1 अगस्त 1947 को पहली और आख़िरी बार कश्मीर गए । असल में शेख़ अब्दुल्ला की रिहाई में हो…
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बैलगाड़ी से ब्राह्मणों एवं नायरों के अंहकार को कुचलने वाले- अय्यंकालि
अय्यंकालि उन जाति-विरोधी योद्धाओं में से थे, जिन्होंने ब्राह्मणवादियों और उनकी सत्ता से समानता का हक़ हासिल करने के लिए…
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जब सरदार पटेल ने दी आरएसएस को चेतावनी
आजादी के तुरंत बाद, भारत को दक्षिणपंथ की चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। गृहमंत्री सरदार पटेल को आरएसएस से…
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रायअहमद खाँ खरल जिनको अपना भाई कहते थे महाराजा रणजीत सिंह
राय अहमद खाँ खरल का योगदान स्वतंत्रता सेनानी के रूप में नकारा नहीं जा सकता है। कई मौखिक इतिहास और…
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भारत अकेला है, जो वर्षों से लोकतंत्र के पक्ष में खड़ा रहा है – विजयलक्ष्मी पंडित
विजयलक्ष्मी पंडित भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु की बहन थीं। परंतु, उनकी अपनी एक अलग विशिष्ट पहचान…
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भारत अपने मूल स्वभाव में कर्मभूमि है, भोगभूमि नही-महात्मा गांधी
मैं ऐसे संविधान की रचना करवाने का प्रयत्न करुंगा, जो भारत को हर तरह की गुलामी और परावलंबन से…
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डा. अम्बेडकर ने क्या कहा था झंडा समिति के बहस पर
डा. अम्बेडकर ने क्या कहा था झंडा समिति के बहस पर 22 जुलाई 1947 को भारत की संविधान सभा ने…
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मेहनकतकश लोगों और किसानों के लिए समर्पित जीवन- गोदुताई
“गोदुताई” ठाणे-पालघर क्षेत्र में पुराने वर्ली लोगों के बीच एक प्रसिद्ध नाम है। यह एक उपनाम था, जो प्यार से…
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कैसे छूटी सरदार पटेल की सिगरेट की आदत
सरदार पटेल आज़ादी के लड़ाई में कांग्रेस के अग्रणी नेताओं में शामिल थे। अपनी अच्छी-खासी जमी-जमाई वकालत को छोड़कर सरदार…
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जब जवाहर भाई के डांट से रो पड़ी महादेवी वर्मा
कवयित्री और लेखिका महादेवी वर्मा के रेखाचित्र और संस्मरण भारतीय साहित्य की धरोहर हैं। आधुनिक हिंदी की मीरा के नाम…
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आदिवासी औरतों के संघर्षों का इतिहास
आदिवासी परंपराओं में एक फूलो-झानो मात्र नहीं हैं, उनके जैसी कई पुरखिन औरतें और वर्तमान समय में भी उनका निर्वाह…
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विधवा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने वाली लेडी अबाला बोस
अबाला बोस , रेडियो साइंस के पितामह जगदीशचंद्र बोस की जीवन संगिनी थीं। उन्होंने देश की महिलाओं को सामाजिक कुरीतियों…
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मेरी माँ ने मुझे प्रेमचंद का भक्त बनाया-गजानन माधव मुक्तिबोध
वर्धा से प्रकाशित राष्ट्रभारती में कुछ संस्मरणात्मक टिप्पणी छपी थी। जिसे बाद में दस्तावेज अंक में संकलित किया गया था…
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देश की पहली महिला विधायक मुथुलक्ष्मी रेड्डी का सफर
भारत की अज़ादी की लड़ाई के दौरान कुछ लोग ऐसे भी रहे, जिन्होंने आज़ादी के साथ-साथ सामाजिक आंदोलनों को ज़रूरी…
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प्रेमचंद के पहली फिल्म पर बैन क्यों लगा?
कलम के जादूगर प्रेमचंद के कई कृतियों पर फ़िल्में, नाटक, टीवी-सीरियल और अब तो कई यूटूयूब पर कुछ एपिसोड देखने…
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अंग्रेज़ों के खिलाफ़ हथियार उठाने वालीं ‘कल्पना दत्त’ : जन्मदिन विशेष
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनों में हर वर्ग और समुदाय ने अपना योगदान दिया। देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में सबने अपनी-अपनी…
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गणेशशंकर विद्यार्थी को प्रेमचंद की श्रद्धांजलि
प्रेमचंद और गणेश शंकर विद्यार्थी दोनों समकालीन थे। प्रेमचंद कानपुर के आर्यसमाजी हिन्दी पत्र प्रताप के संपादक गणेशशंकर विद्यार्थी के…
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क्या लिखा था प्रेमचंद ने मधुशाला की समीक्षा में
हरिवंश राय बच्चन क्या भूंलू क्या याद करूं किताब के भूमिका में प्रेमचंद के साथ एक मुलाकात का जिक्र…
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जब चंद्रशेखर आज़ाद ने ठुकराया सावरकर का प्रस्ताव
यह वह दौर था जब चंद्रशेखर आज़ाद और उनके साथी ‘हिन्दुस्ताव प्रजातान्त्रिक समाजवादी दल’ की स्थापना कर चुके थे और…
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भगत सिंह के परिवार को अपने घर पनाह देने वाले मौलाना हबीब-उर-रहमान
हिन्दुस्तान की आज़ादी के अज़ीम रहनुमा रईस उल अहरार मौलाना हबीब-उर-रहमान लुधियानवी ने ‘इस्लाम ख़तरे में है’ के नारे के…
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किताब, जिसने बदल दिया गांधीजी का जीवन
किताबें, हर युग में लोगों के जीवन और उनके विचारों को प्रभावित करती रही है। महात्मा गांधी ने सत्य के…
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भूमिगत होकर गुप्त रेडियो प्रसारण चलानेवाली,अरुणा आसफ़ अली
अरुणा आसफ़ अली को अपनी स्मृति में कैद करने के कई तरीके हो सकते हैं, मसलन उन्हें उस भद्र महिला…
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संविधान सभा में 750 संशोधन प्रस्ताव रखने वाली, दुर्गाबाई देशमुख
आधी आबादी की दुनिया में कुछ महिलाओं ने अंधेरी दुनिया से बाहर निकलने के लिए पहले अपने अंदर की संभावनाओं…
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आजाद देश की पहली महिला सीएम सुचेता कृपलानी
सुचेता कृपलानी को अधिकांश लोग इस नाते ही जानते हैं कि उन्होंने एक लेक्चरर के तौर पर अपने करियर की…
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ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध उलगुलान करने वाले सुरेन्द्र साए
सुरेन्द्र साए भारत के अग्रणी स्वाधीनता संग्राम सेनानी थे। 1857 के विद्रोह के 30 वर्ष पूर्व ही उन्होने ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध ‘उलगुलान’ (आन्दोलन)…
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महिलाओं के शिक्षा को मौलिक अधिकार बताने वाली, हंसा मेहता
हंसा मेहता को भारत के संविधान सभा सदस्य रही, जिन्होंने 14 अगस्त 1947 की अर्द्धरात्री को सत्ता के हस्तांतरण के…
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‘वंशवादी’ नेहरू ने इंदिरा को नहीं, सरदार पटेल की बेटी-बेटे को संसद भेजा था !
प्रो भानु कपिल नरेंद्र मोदी की बीजेपी को इसके लिए धन्यवाद ज़रूर देना चाहिए कि उसने इतिहास में लोगों की…
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