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Credible History is an endeavour to preserve authentic history as gleaned through the lens of established, respected historians who have spent their lives researching it via reliable sources. It aims to counter the propaganda being spread through a large section of mainstream media and social media platforms, and provide easy access to established historical resources

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Wednesday October 30, 2024

खिलाफत कॉन्फ्रेंस और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद

खिलाफत आंदोलन का पहला केंद्र भारत था; यह न केवल मुसलमानों का, बल्कि पूरे भारतीय समाज का मुद्दा बन गया।

भगत सिंह

नेशनल कॉलेज में भगत सिंह के कॉलेज के दिन

भगत सिंह के समकालीन साथी, जिन्हें किसी परिचय की आवश्यकता नहीं थी, जैसे सुखदेव, भगवती चरण वोहरा, यशपाल, जयदेव गुप्ता

भगत सिंह और बटुकेश्चर दत्त

असेम्बली बम कांड और भगतसिंह का मुकदमा

जब अंग्रेजों ने दिल्ली स्थित सेंट्रल असेंबली में ‘पब्लिक सेफ्टी बिल’ पास करवा चुकी थी और ‘ट्रेड डिस्प्यूट बिल’ पर

खुआंगचेरा

शूरवीर पसालथा खुआंगचेरा, मिजोरम के बहादुर स्वतंत्रता सेनानी

शूरवीर पसालथा खुआंगचेरा मिजोरम के सबसे बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। वे इस क्षेत्र के रक्षकों में से

रोपड़लियानी : मिज़ोरम की एक बहादुर महिला

भारत के स्वाधीनता संग्राम में अभूतपूर्व पैमाने पर महिलाओं की सामूहिक भागीदारी देखी गई, लेकिन दुर्भाग्य से, उनमें से कई

चारु चंद्र बोस

चारु चंद्र बोस जिन्होंने विकलांगता से ऊपर उठकर स्वतंत्रता संग्राम में दिया योगदान

 चारु चंद्र बोस  जिन्होंने अपने दोषपूर्ण दाहिने हाथ के बावजूद उसे अपने लाभ के लिए इस्तेमाल किया और भारत की

Gandhi-- Tagore

जब टैगोर ने जताई थी गांधी के विचारों से असहमति

जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद गांधीजी  ने अंग्रेज़ों के खिलाफ एक मुहिम छेड़ दी थी । आंदोलन का नाम था

पुलिन बिहारी दास

विस्मृत क्रांतिकारी एवं स्वतंत्रता सेनानी पुलिन बिहारी दास

जब अंग्रेजों के प्रति निष्क्रिय प्रतिरोध से कोई परिणाम नहीं मिल रहा था, तो भारतीय क्रांतिकारियों के एक समूह ने

चंद्रशेखर आज़ाद

क्यों चंद्रशेखर आज़ाद को बम्बई रास नहीं आई ?

जब चंद्रशेखर आज़ाद बम्बई में थे, तब वह अपने क्रांतिकारी जीवन के एक महत्वपूर्ण और संघर्षपूर्ण दौर से गुजर रहे

भगत सिह

साम्प्रदायिक दंगे और उनका इलाज- भगत सिंह

1919 के जालियँवाला बाग हत्याकाण्ड के बाद ब्रिटिश सरकार ने साम्प्रदायिक दंगों का खूब प्रचार शुरु किया। इसके असर से

भगत सिह

हमें फाँसी देने के बजाय गोली से उड़ाया जाए- भगत सिंह

हम युद्धबंदी हैं फाँसी पर लटकाए जाने से 3 दिन पूर्व- 20 मार्च, 1931 को- सरदार भगतसिंह तथा उनके सहयोगियों

हरिगोपाल बाल

स्वाधीनता संग्राम के अनाम योद्धा हरिगोपाल बाल

हरिगोपाल बाल या बाउल जिन्हें लोकप्रिय रूप से  टेगरा कहा जाता है एक बंगाली क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ क्रांतिकारी गतिविधियों

मास्टर दा

भारतीय स्चाधीनता संग्राम के किशोर क्रांतिकारी,हरिपद भट्टाचार्य

असनुल्ला खान, एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी थे, जो भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को क्रूरता से सताने के लिए जाने जाते थे।

कुवर चैन सिंह

मालवा अंचल के प्रथम बहादुर बलिदानी : कुँवर चैन सिंह

कुँवर चैन सिंह को मध्यप्रदेश के मालवा अंचल के प्रथम बहादुर बलिदानी होने का गौरव प्राप्त है । वह इतने

अनुशील समिति

गुमनाम क्रांतिकारी नरेंद्र मोहन सेन, जिनसे कांपते थे अंग्रेज

अगस्त का महीना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस महीने में अनगिनत क्रांतिवीरों ने

Nilamber and Pitamber,

अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले आदिवासी वीर: नीलांबर-पीतांबर

नीलांबर-पीतांबर ने अपनी वीरता से अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे। पराक्रमी और गुरिल्ला युद्ध में माहिर इन भाइयों के

वारिस अली

मुजफ्फरपुर के वारिस अली का विद्रोह और शहादत

मुजफ्फरपुर  में जून के महीने से ही सरगर्मी शुरू हो गई थी। यूरोपियन प्लांटर आतंकित हो गए थे और उनके

बुधु भगत

‘लरका विद्रोह’ का बिगुल फूंकने वाले, क्रांतिकारी बुधु भगत

बुधु भगत को झारखंड के आदिवासी समाज में एक नायक के रूप में याद किया जाता है, और उनकी बहादुरी

मधुकर शाह

इतिहास के पन्नों में दबकर रह गयी बुंदेला नायक मधुकर शाह की वीर गाथा

भारत के स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे अनगिनत अध्याय हैं, जो इतिहास के पन्नों में अपनी जगह नहीं बना सके। देश

रणमत सिंह

स्वतंत्रता संग्राम का विस्मृत सूरमा ठाकुर रणमत सिंह

  भारतीय स्‍वतंत्रता का प्रथम संघर्ष कहे जाने वाले 1857 के संग्राम के दौरान अंग्रेजों को खदेड़ने की घटनाएँ केवल

बाजी राउत

देंकानाल प्रजामंडल आंदोलन के गुमनाम नायक क्रांतिकारी बाजी राउत

  एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा गाँव उड़ीसा का भुवन गाँव है, जो ब्राह्मणी नदी के तट पर स्थित है।

मुहम्मदी बेगम

मुहम्मदी बेगम: भारत की पहली मुस्लिम महिला संपादक

मुस्लिम जगत में सैयदा मुहम्मदी बेगम को महिला सशक्तिकरण और भारतीय उपमहाद्वीप की पहली महिला पत्रकार के तौर पर जाना

रेड इंडियन सरदार सीएटल

मेरे लफ़्ज़ सितारों की तरह हैं, वे मिटते नहीं“- रेड इंडियन सरदार सीएटल

  आज विश्व आदिवासी दिवस है। प्रस्तुत है इस अवसर पर रेड इंडियन सरदार सीएटल का ऐतिहासिक संदेश।   शायद

चुआड़ विद्रोह के महानायक रघुनाथ महतो

चुआड़ विद्रोह के महानायक रघुनाथ महतो

  झारखंड की राजधानी रांची से 55 किलोमीटर दूर सिल्ली प्रखंड के लोटा कीता गांव के पौराणिक शिव मंदिर के

प्रेमचंद

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ के नज़र में प्रेमचंद

  शिवकुमार मिश्र द्वारा सम्पादित अंग्रेजी पुस्तक ‘आवर कंटम्परोरी प्रेमचन्द’ के लिए यह टिप्पणी फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ ने विशेष तौर

जवाहरलाल नेहरु और रामधारी सिंह दिनकर

 पंडित नेहरू ने मेरी कविता पर वाहवाही सिर्फ एक बार दी थी- दिनकर

लाल किले पर कवि सम्मेलन हो रहा था, तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे थे।  राष्ट्रकवि

महात्मा गांधी और साबरमती आश्रम

जब अछूत परिवार को गांधीजी ने आश्रम में दाखिल किया

  एक अछूत परिवार ने साबरमती आश्रम में स्थायी रूप से रहने की इच्छा प्रकट की । गांधीजी ने उन्हें