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Credible History is an endeavour to preserve authentic history as gleaned through the lens of established, respected historians who have spent their lives researching it via reliable sources. It aims to counter the propaganda being spread through a large section of mainstream media and social media platforms, and provide easy access to established historical resources

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Tuesday December 3, 2024
जवाहरलाल नेहरू

दूसरा जलियांवाला बाग था रायबरेली का ‘मुंशीगंज गोलीकांड’

  रायबरेली से 10 किलोमीटर दूर पड़ता है मुंशीगंज इलाका। इसके किनारे पर बहती सई नदी यूं तो शांत रहती

महात्मा गांधी और सरदार पटेल

जब नागपुर झंडा सत्याग्रह का नेतृत्व किया था सरदार पटेल ने

   1919 में रॉलेट एक्ट के विरोध में, पूरे देश में व्याप्त असंतोष का परिणाम यह हुआ कि भारत की

ब्रिगेडियर-मुहम्मद-उस्मान

नौशेरा का शेर ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान

  भारत के बहादुर नौजवानों में ब्रिगेडियर उस्मान का स्थान बहुत ऊँचा है। नौशहरा के इस बहादुर विजयी का नाम

पीर मुहम्मद मूनिस

चंपारण सत्याग्रह के इतिहास में पीर मुहम्मद मूनिस एक छूटा हुआ नाम है

अकसर ऐसा होता है कि जो इतिहास रचता है, उसका इतिहास में नाम नहीं होता, लेकिन जो इतिहास रचता है

गौतम बुद्ध, राहुल सांकृत्यायन और महात्मा गांधी

बुद्ध और गांधी मानवता, प्रेम, एवं विश्वबन्धुत्व के प्रतीक है- राहुल सांकृत्यायन

  हमारे लम्बे इतिहास में हमारे देश में बहुत से महापुरुष हो गए हैं। यह निस्संकोच कहा जा सकता है

जदोनाङ कबुई

मणिपुर में स्वतंत्रता का शंखनाद करने वाला अमर ‘शहीद-जदोनाङ कबुई

एक व्यक्ति जिसने अंग्रेजों से मुकाबला करने के लिए 500 की सेना बनाई, हाइपो जादोनांग को लेखकों और इतिहासकारों ने

शेख भिखारी साहब

डलहौजी के ‘डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स’ का विरोध  करने वाले, शेख भिखारी साहब

शेख भिखारी साहब, वह व्यक्ति जिन्होंने जनरल डलहौजी के डाक्ट्रिन ऑफ़  लैप्स का विरोध किया, जिसका एकमात्र उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य

ramabai

एक कामकाजी, एकल अभिभावक स्त्री की दिक्कतें- रमाबाई

उन्नीसवीं सदी भारत में पुनर्जागरण की सदी मानी जाती है। खासतौर पर महाराष्ट्र और बंगाल में इस दौर में समाज

कैसे बना बिना युद्ध के गिलगिट- बॉल्टिस्तान पर क़ब्ज़ा

कैसे बना बिना युद्ध के गिलगिट- बॉल्टिस्तान

उत्तरी पाकिस्तान में गिलगित-बॉल्टिस्तान (जीबी) क्षेत्र, जिसे पहले पाकिस्तान के उत्तरी क्षेत्र के रूप में जाना जाता था, का एक

महात्मा गांधी और स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती

स्वामी श्रद्धानंद की हत्या, अब्दुल राशिद और महात्मा गांधी

स्वामी श्रद्धानंद की हत्या अब्दुल राशिद नामक एक व्यक्ति ने की थी। बीमार श्रद्धानंद के सीने में दो गोलियाँ उतार

टंट्या भील

टंट्या भील, जिनको पकड़ने के लिए आये थे इंग्लैंड से विशेष दस्ते

भारतीय इतिहास में प्रथम स्वाधीनता संग्राम के नायक टंट्या भील की जांबाजी का अमिट अध्याय है। उन्होंने भारत की माटी

पंडित जवाहर लाल नेहरू और शेख़ अब्दुल्ला

मुस्लिम कॉन्फ्रेंस को नेशनल कॉन्फ्रेंस कैसे बनाया शेख़ अब्दुल्लाह ने

भारत के स्वाधीनता आंदोलन के दौर में, जिस समय देश भर में  मुस्लिम लीग और हिन्दू महासभा/ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

वीर कुंवर सिंह के भाई वीर अमर सिंह

हार कर भी कभी नहीं हारे वाले कुवर सिंह के भाई अमर सिंह

1857 के विद्रोह में वीर कुंवर सिंह ने बिहार का नेतृत्व किया, इस इतिहास से अधिकांश लोग परचित है। उनके

रूपा भवानी : कश्मीर के मर्दाने इतिहास में फेमिनिन हस्तक्षेप

दुर्भाग्य है कि इतिहास अक्सर मर्दों का इतिहास बनकर रह जाता है। इसमें औरतों की भागीदारी के निशानात कहीं दर्ज़

ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध उलगुलान करने वाले सुरेन्द्र साए

सुरेन्द्र साए भारत के अग्रणी स्वाधीनता संग्राम सेनानी थे। 1857  के विद्रोह के 30 वर्ष पूर्व ही उन्होने ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध ‘उलगुलान’ (आन्दोलन)

श्यामाप्रसाद मुखर्जी के एक देश में दो विधान के नारे का असली मतलब

गाँधी की हत्या के बाद अलग-थलग पड़ चुके हिन्दुत्ववादी दक्षिणपंथ के लिए आज़ाद हिन्दुस्तान का इकलौता मुस्लिम बहुल प्रदेश कश्मीर

रियासती एकता में पंडित नेहरू का योगदान

[शेख़ मोहम्मद अब्दुल्ला (1905-1981) जिन्हें शेर-ए-काश्मीर भी कहा जाता है, कश्मीर के सबसे महत्त्वपूर्ण नेताओं में थे। आज़ादी के बाद

ratan nath dhar sarshar

पंडित रतन नाथ धर “सरशार”: कश्मीरियत और गंगा-जमनी तहजीब के प्रतीक

अंग्रेजी के सबसे प्रसिद्ध उपन्यासकारों में से एक चार्ल्स डिकिन्स ने “पिकविक पेपर्स” नाम से एक उपन्यास लिखा था। यह