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Credible History is an endeavour to preserve authentic history as gleaned through the lens of established, respected historians who have spent their lives researching it via reliable sources. It aims to counter the propaganda being spread through a large section of mainstream media and social media platforms, and provide easy access to established historical resources

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Friday December 6, 2024
भगत सिह

साम्प्रदायिक दंगे और उनका इलाज- भगत सिंह

1919 के जालियँवाला बाग हत्याकाण्ड के बाद ब्रिटिश सरकार ने साम्प्रदायिक दंगों का खूब प्रचार शुरु किया। इसके असर से

भगत सिह

हमें फाँसी देने के बजाय गोली से उड़ाया जाए- भगत सिंह

हम युद्धबंदी हैं फाँसी पर लटकाए जाने से 3 दिन पूर्व- 20 मार्च, 1931 को- सरदार भगतसिंह तथा उनके सहयोगियों

हरिगोपाल बाल

स्वाधीनता संग्राम के अनाम योद्धा हरिगोपाल बाल

हरिगोपाल बाल या बाउल जिन्हें लोकप्रिय रूप से  टेगरा कहा जाता है एक बंगाली क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ क्रांतिकारी गतिविधियों

मास्टर दा

भारतीय स्चाधीनता संग्राम के किशोर क्रांतिकारी,हरिपद भट्टाचार्य

असनुल्ला खान, एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी थे, जो भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को क्रूरता से सताने के लिए जाने जाते थे।

कुवर चैन सिंह

मालवा अंचल के प्रथम बहादुर बलिदानी : कुँवर चैन सिंह

कुँवर चैन सिंह को मध्यप्रदेश के मालवा अंचल के प्रथम बहादुर बलिदानी होने का गौरव प्राप्त है । वह इतने

अनुशील समिति

गुमनाम क्रांतिकारी नरेंद्र मोहन सेन, जिनसे कांपते थे अंग्रेज

अगस्त का महीना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस महीने में अनगिनत क्रांतिवीरों ने

Nilamber and Pitamber,

अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले आदिवासी वीर: नीलांबर-पीतांबर

नीलांबर-पीतांबर ने अपनी वीरता से अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे। पराक्रमी और गुरिल्ला युद्ध में माहिर इन भाइयों के

वारिस अली

मुजफ्फरपुर के वारिस अली का विद्रोह और शहादत

मुजफ्फरपुर  में जून के महीने से ही सरगर्मी शुरू हो गई थी। यूरोपियन प्लांटर आतंकित हो गए थे और उनके

बुधु भगत

‘लरका विद्रोह’ का बिगुल फूंकने वाले, क्रांतिकारी बुधु भगत

बुधु भगत को झारखंड के आदिवासी समाज में एक नायक के रूप में याद किया जाता है, और उनकी बहादुरी

मधुकर शाह

इतिहास के पन्नों में दबकर रह गयी बुंदेला नायक मधुकर शाह की वीर गाथा

भारत के स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे अनगिनत अध्याय हैं, जो इतिहास के पन्नों में अपनी जगह नहीं बना सके। देश

रणमत सिंह

स्वतंत्रता संग्राम का विस्मृत सूरमा ठाकुर रणमत सिंह

  भारतीय स्‍वतंत्रता का प्रथम संघर्ष कहे जाने वाले 1857 के संग्राम के दौरान अंग्रेजों को खदेड़ने की घटनाएँ केवल

बाजी राउत

देंकानाल प्रजामंडल आंदोलन के गुमनाम नायक क्रांतिकारी बाजी राउत

  एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा गाँव उड़ीसा का भुवन गाँव है, जो ब्राह्मणी नदी के तट पर स्थित है।

मुहम्मदी बेगम

मुहम्मदी बेगम: भारत की पहली मुस्लिम महिला संपादक

मुस्लिम जगत में सैयदा मुहम्मदी बेगम को महिला सशक्तिकरण और भारतीय उपमहाद्वीप की पहली महिला पत्रकार के तौर पर जाना

महात्मा गाधी और मार्गरेट सैंगर

जब महात्मा गांधी से मिलने मार्गरेट सैंगर वर्धा पहुँचीं

  नवंबर 1935 में, जब मार्गरेट सैंगर बंबई पहुँचीं, तो उनका स्वागत उनके जनसख्या नियंत्रण के लिए अमेरिका में किए गए

रेड इंडियन सरदार सीएटल

मेरे लफ़्ज़ सितारों की तरह हैं, वे मिटते नहीं“- रेड इंडियन सरदार सीएटल

  आज विश्व आदिवासी दिवस है। प्रस्तुत है इस अवसर पर रेड इंडियन सरदार सीएटल का ऐतिहासिक संदेश।   शायद

चुआड़ विद्रोह के महानायक रघुनाथ महतो

चुआड़ विद्रोह के महानायक रघुनाथ महतो

  झारखंड की राजधानी रांची से 55 किलोमीटर दूर सिल्ली प्रखंड के लोटा कीता गांव के पौराणिक शिव मंदिर के

महात्मा गांधी और साबरमती आश्रम

जब अछूत परिवार को गांधीजी ने आश्रम में दाखिल किया

  एक अछूत परिवार ने साबरमती आश्रम में स्थायी रूप से रहने की इच्छा प्रकट की । गांधीजी ने उन्हें

जवाहरलाल नेहरू

दूसरा जलियांवाला बाग था रायबरेली का ‘मुंशीगंज गोलीकांड’

  रायबरेली से 10 किलोमीटर दूर पड़ता है मुंशीगंज इलाका। इसके किनारे पर बहती सई नदी यूं तो शांत रहती

मग़फूर अहमद अजाज़ी

इतिहास के पन्नों में भुला दिए गए स्वतंत्रता सेनानी मगफूर ऐजाज़ी

मगफूर ऐजाज़ी भारत की आज़ादी के लिए लड़ने वालों में से एक थे, इसके अलावा उन्होंने आज़ादी के बाद के

अल्लूरी सीताराम राजू

अल्लूरि सीताराम राजू, स्वतंत्रता संग्राम का गुमनाम नायक

  माँ भारती को अंग्रेजी सत्ता की बेड़ियों से मुक्त करवाने में आदिवासियों ने अपना सर्वस्व लौटा दिया था ऐसे

महात्मा गांधी और सरदार पटेल

जब नागपुर झंडा सत्याग्रह का नेतृत्व किया था सरदार पटेल ने

   1919 में रॉलेट एक्ट के विरोध में, पूरे देश में व्याप्त असंतोष का परिणाम यह हुआ कि भारत की

मौलाना अबुल कलाम आजाद

जब खिलाफत आंदोलन में  मौलाना आजाद हुए गिरफ्तार

  भारतीय स्वतंत्रता-संग्राम के देशभक्तों और वीरों की पंक्ति में मौलाना अबुल कलाम आजाद का एक विशिष्ट स्थान है। मौलाना

ब्रिगेडियर-मुहम्मद-उस्मान

नौशेरा का शेर ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान

  भारत के बहादुर नौजवानों में ब्रिगेडियर उस्मान का स्थान बहुत ऊँचा है। नौशहरा के इस बहादुर विजयी का नाम

पीर मुहम्मद मूनिस

चंपारण सत्याग्रह के इतिहास में पीर मुहम्मद मूनिस एक छूटा हुआ नाम है

अकसर ऐसा होता है कि जो इतिहास रचता है, उसका इतिहास में नाम नहीं होता, लेकिन जो इतिहास रचता है

गौतम बुद्ध, राहुल सांकृत्यायन और महात्मा गांधी

बुद्ध और गांधी मानवता, प्रेम, एवं विश्वबन्धुत्व के प्रतीक है- राहुल सांकृत्यायन

  हमारे लम्बे इतिहास में हमारे देश में बहुत से महापुरुष हो गए हैं। यह निस्संकोच कहा जा सकता है

सुभाष और नेहरु

जब सुभाष ने निर्वासन में और जवाहरलाल ने जेल में लिखी किताबें

  सुभाष और जवाहरलाल दोनों में से एक को निर्वासन और दूसरे को जेल में रहना पड़ा था;  वर्ष 1934

जदोनाङ कबुई

मणिपुर में स्वतंत्रता का शंखनाद करने वाला अमर ‘शहीद-जदोनाङ कबुई

एक व्यक्ति जिसने अंग्रेजों से मुकाबला करने के लिए 500 की सेना बनाई, हाइपो जादोनांग को लेखकों और इतिहासकारों ने