भारत के प्रसिद्ध क्रान्तिकारियों में से एक थे, जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए जेल में अपने प्राण त्याग दिए और शहादत पाई।
मुंशीगंज गोलीकांड
पंडित नेहरू से खास रिश्ता था फिराक गोरखपुरी का
प्रेमचंद ने मधुशाला की समीक्षा में क्या लिखा था…
माँ ने मुझे प्रेमचंद का भक्त बनाया-गजानन माधव मुक्तिबोध
जब मुगल बादशाह अकबर पटना आए थे
क्या लिखा था प्रेमचंद ने मधुशाला की समीक्षा में
अल्बर्ट आइंस्टीन और महात्मा गांधी
जब पीर अली को फाँसी दी गयी
पटना के कमिश्नर विलियम टेलर ने पीर अली से कहा था- 'दूसरे नेताओं के नाम बता कर तुम अपनी जिंदगी बचा सकते हो ।'
फिर भी पीर अली ने अपने लिए क्यों फांसी चुनी