अप्रकाशित रही थी प्रेमचंद की पहली रचना
प्रेमचंद के साहित्यिक जीवन का आरंभ 1901 से हो चुका था आरंभ में वह नवाब राय के नाम से उर्दू
Credible History is an endeavour to preserve authentic history as gleaned through the lens of established, respected historians who have spent their lives researching it via reliable sources. It aims to counter the propaganda being spread through a large section of mainstream media and social media platforms, and provide easy access to established historical resources
Editorial Address : 123 Kirpal Apartment, 44 IP Extension, Patparganj, Delhi -110092
N/A
प्रेमचंद के साहित्यिक जीवन का आरंभ 1901 से हो चुका था आरंभ में वह नवाब राय के नाम से उर्दू
बीसवीं सदी के दूसरे दशक की सामाजिक, राजनैतिक और साहित्यिक गतिविधियों के बीच मिस मेयो कैथरीन की किताब ‘मदर इंडिया‘
हरिवंश राय बच्चन क्या भूंलू क्या याद करूं किताब के भूमिका में प्रेमचंद के साथ एक मुलाकात का जिक्र
वर्तमान में सावरकर समाचारों में बहुत नज़र आते हैं। उनकी सराहना करती हुई कई पुस्तकों का बहुत जोर-शोर से विमोचित
किताबें, हर युग में लोगों के जीवन और उनके विचारों को प्रभावित करती रही है। महात्मा गांधी ने सत्य के
दुर्भाग्य है कि इतिहास अक्सर मर्दों का इतिहास बनकर रह जाता है। इसमें औरतों की भागीदारी के निशानात कहीं दर्ज़
देश में महिलाओं के अधिकारों को लेकर हुए आन्दोलन का एक लंबा इतिहास रहा है। जिसको आयात किया हुआ विमर्श
राष्ट्रवाद के बहसों में एक साथ कई प्रश्न एक-दूसरे से टकराते है और वैचारिक बहस को पब्लिक स्फीयर में बिखेर
भारत के पूर्व रॉ प्रमुख ए एस दुलत की तीसरी क़िताब “अ लाइफ़ इन द शैडोज” कई मायनों में एक
20.10.1927 को यंग इंडिया के अपने एक लेख में महात्मा गांधी ने अपने हिन्दू होने के कारण पर एक लेख
मुंशी प्रेमचंद ने जनवरी 1936 में हंस पत्रिका के अपना सम्पादकीय, पं. नेहरू के हिंन्दी साहित्य से निराशा पर
भारत अपनी गंगा-जमुनी संस्कृति एंव साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए जाना जाता है। परंतु, शुरुआत से ही कुछ असमाजिक शक्तियां
आज जब यूरोप सहित दुनियाभर में में चरम दक्षिणपंथ के उभार की संभावनाएँ दिख रही हैं, एक बार फिर हिटलर
कौल-ए-फ़ैसल (इंसाफ़ की बात) मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का वह बयान है जो राजद्रोह के मुक़दमे के दौरान उन्होंने प्रेसीडेंसी
[हाल ही में राजपाल एंड संस प्रकाशन से प्रकाशित सुजाता की पुस्तक ‘दुनिया में औरत’ दुनिया भर में औरतों की
[ जाने-माने इतिहासकार प्रो लालबहादुर वर्मा को पिछले वर्ष हमने कोविड की लहर में खो दिया। उनकी आखिरी किताब ‘आज़ादी
[शनिवार, मार्च 17 के दिन मार्क्स को हाइगेट सेमेट्री की उस क़ब्र में चिर-विश्राम के लिए ले जाया गया जिसमें
[स्त्री अधिकारों के लिए अभूतपूर्व संघर्ष करने वालीं पण्डिता रमाबाई की आज सौवीं पुण्यतिथि है। इस अवसर पर सुजाता की
THE Tattoo On My Breast is a Love story based in Pre Independence era of Undivided Bharat, taking the climax
हालाँकि हर आत्मकथा लेखक के अपने पक्ष से ही लिखी जाती है, लेकिन पूर्वी बंगाल के पहले पूर्वी पाकिस्तान बनने
The Murderer, The Monarch and The Fakeer, इस साल सावरकर पर आने वाली तीसरी महत्वपूर्ण किताब है। इसके पहले दो
‘ कौन हैं भारत माता?’—यह प्रश्न करते और उत्तर में यह बताते कि ‘सारे मुल्क में फैले करोड़ों हिन्दुस्तानी, भारत
आज़ादी की लड़ाई कोई एक दिन की नहीं है। कंपनी राज की स्थापना के बाद से ही भारतीय जनता ने
[एक किताब रोज़ में आज पढिए युवाल नोवा हरारी की चर्चित किताब ‘सैपियंस ‘ पर एक टिप्पणी। किताब यहाँ उपलब्ध
[अयोध्या सिंह की किताब ‘भारत का मुक्ति संग्राम‘ ब्रिटिश सत्ता के ख़िलाफ़ भारतीय जनता के संघर्ष का एक शानदार
पुरुषोत्तम अग्रवाल की किताब ‘कौन हैं भारत माता’ जवाहरलाल नेहरू के लेखों और उनके बारे में लिखे गए लेखों का