सरदार पटेल मां की तरह गांधीजी का ख्याल रखते थे
महात्मा गांधी और सरदार पटेल के बीच मूल्यों और मानदंडों की एक गहरी एकता थी। दोनों के बीच वफादारी और
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महात्मा गांधी और सरदार पटेल के बीच मूल्यों और मानदंडों की एक गहरी एकता थी। दोनों के बीच वफादारी और
1919 में रॉलेट एक्ट के विरोध में, पूरे देश में व्याप्त असंतोष का परिणाम यह हुआ कि भारत की
देश की स्वतंत्रता के लिए कई क्रांतिकारी वीरों तथा नेताओं ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उन्होंने स्वतंत्रता के आसमान
अक्सर ये बात उठती रहती है कि पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू, देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार पटेल के
आजादी के तुरंत बाद, भारत को दक्षिणपंथ की चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। गृहमंत्री सरदार पटेल को आरएसएस से
क्या जवाहर लाल नेहरू कश्मीर समस्या के लिए जिम्मेदार थे? यह वाक्य भारत के आज़ादी के बाद से आज तक
आजादी के बाद, जब त्रिपुरा के राजा ने भारत संघ में विलय का मन बना चुके थे, उनके सौतेले भाई
आजादी के तुरंत बाद, भारत को दक्षिणपंथ की चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। गृहमंत्री सरदार पटेल को आरएसएस से
सरदार पटेल आज़ादी के लड़ाई में कांग्रेस के अग्रणी नेताओं में शामिल थे। अपनी अच्छी-खासी जमी-जमाई वकालत को छोड़कर सरदार
गाँधी की हत्या के बाद अलग-थलग पड़ चुके हिन्दुत्ववादी दक्षिणपंथ के लिए आज़ाद हिन्दुस्तान का इकलौता मुस्लिम बहुल प्रदेश कश्मीर
प्रो भानु कपिल नरेंद्र मोदी की बीजेपी को इसके लिए धन्यवाद ज़रूर देना चाहिए कि उसने इतिहास में लोगों की
दिनकर जोशी, महामानव सरदार, प्रभात प्रकाशन, 2014, पेज -52-54 मामला तब का है जब दांडी मार्च की तैयारी के दौरान
जवाहर ही मेरा उत्तराधिकारी होगा- महात्मा गांधी [ इस भाषण की पृष्ठभूमि में कांग्रेस वर्किंग कमेटी का वह प्रस्ताव है
सरदार पटेल ने आजादी के एक साल बाद 16 अगस्त 1948 के भाषण में विभाजन के बाद देश में शांति
आजाद हिन्दुस्तान में पाकिस्तान विभाजन के बाद, जूनागढ़ रिसायत को भारत में शामिल करने के बाद, 3 जनवरी 1948 को
[सरदार वल्लभभाई पटेल (1875-1950) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे महत्त्वपूर्ण नेताओं में थे जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में और बाद
[आज़ादी के बाद देश में फैले दंगों और प्रशासनिक कार्यवाहियों तथा कुछ अन्य चीज़ों के कारण नेहरू और पटेल के