Marx
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फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ के नज़र में प्रेमचंद
शिवकुमार मिश्र द्वारा सम्पादित अंग्रेजी पुस्तक ‘आवर कंटम्परोरी प्रेमचन्द’ के लिए यह टिप्पणी फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ ने विशेष तौर…
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महिलाएं भी मजदूर आंदोलन का हिस्सा थीं
आज मई दिवस है दुनिया भर के कामगारों के संघर्ष और बलिदान को याद करने का दिन। लेकिन विमर्शों के…
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प्रिय पूंजीवाद, मार्क्स अभी अप्रासंगिक नहीं हुये है
मार्क्स यदि जीवित होते तो 5 मई 2018 को 202 वर्ष के हो गए होते। तो क्या? क्या मार्क्स के…
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