दूसरा जलियांवाला बाग था रायबरेली का ‘मुंशीगंज गोलीकांड’
रायबरेली से 10 किलोमीटर दूर पड़ता है मुंशीगंज इलाका। इसके किनारे पर बहती सई नदी यूं तो शांत रहती
Credible History is an endeavour to preserve authentic history as gleaned through the lens of established, respected historians who have spent their lives researching it via reliable sources. It aims to counter the propaganda being spread through a large section of mainstream media and social media platforms, and provide easy access to established historical resources
Editorial Address : 123 Kirpal Apartment, 44 IP Extension, Patparganj, Delhi -110092
N/A
रायबरेली से 10 किलोमीटर दूर पड़ता है मुंशीगंज इलाका। इसके किनारे पर बहती सई नदी यूं तो शांत रहती
अकसर ऐसा होता है कि जो इतिहास रचता है, उसका इतिहास में नाम नहीं होता, लेकिन जो इतिहास रचता है
घर से भागकर भगतसिंह कानपुर चले गये। वहाँ वे गणेशशंकर विद्यार्थी के साप्ताहिक ‘प्रताप’ के सम्पादकीय विभाग में काम
देश को आजाद कराने के लिए क्रांतिकारियों ने अपना अमूल्य योगदान दिया। यद्यपि देश भर में क्रांतिकारी आंदोलन की व्यापक
प्रेमचंद और गणेश शंकर विद्यार्थी दोनों समकालीन थे। प्रेमचंद कानपुर के आर्यसमाजी हिन्दी पत्र प्रताप के संपादक गणेशशंकर विद्यार्थी के
भगतसिंह और आज़ाद के साथी, एक ऐसे क्रान्तिकारी जिनके बारे में देश के आम लोग अब भी बहुत कम जानते
क्रांतिकारी विचारक, संगठनकर्ता, वक्ता, प्रचारक आदि के रूप में भगवती चरन अक्सर याद किए जाते है।इसके साथ-साथ आदर्श के प्रति
गणेश शंकर विद्यार्थी के जन्मदिवस पर हमारे वरिष्ठ संपादकीय सलाहकार राकेश पाठक का वीडियो ब्लॉग। उनका चैनल भी
आज गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती है. गणेश शंकर विद्यार्थी यानी सच के पक्ष में खड़ा निर्भीक पत्रकार. 1920