FACT CHECK: क्या गांधीजी को अंग्रेजों से मिलता था भत्ता?
सोशल मीडिया पर एक पत्र शेयर किया जाता है जिसमें गांधीजी को 1930 में निजी खर्चों के लिए अंग्रेजों से
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सोशल मीडिया पर एक पत्र शेयर किया जाता है जिसमें गांधीजी को 1930 में निजी खर्चों के लिए अंग्रेजों से
हमारे लम्बे इतिहास में हमारे देश में बहुत से महापुरुष हो गए हैं। यह निस्संकोच कहा जा सकता है
[ यह भाषण गांधी ने 16 मार्च, 1931 को मुम्बई में मजदूरों की सभा में हिन्दी में दिया था।
चंपारण में गांधीजी के आंदोलन से सरकार खुश नहीं थी। वह चाहती थी कि हर हाल में गांधीजी चंपारण
महात्मा गाँधी ने 1934 में प्रसिद्ध गायक दिलीप राय से बातचीत करते हुए कहा- जीवन समस्त कलाओं से श्रेष्ठ
8 अगस्त 1942 को जब महात्मा गांधी ने ‘अंग्रेज़ों भारत छोड़ो’ की गर्जना करते हुए ‘करो या मरो’ का
स्वामी श्रद्धानंद की हत्या अब्दुल राशिद नामक एक व्यक्ति ने की थी। बीमार श्रद्धानंद के सीने में दो गोलियाँ उतार
महात्मा गांधी एक बात भलीभांति जानते थे कि अंग्रेजों के विरुद्ध हिंदू और मुसलमान दोनों को मिलकर लड़ाई
राजकुमारी अमृत कौर कपूरथला की महारानी थीं, पर उन्होंने स्वयं को एक महारानी के तरह ज़ाहिर नहीं किया,
देश में तेजी से गहराते सांप्रदायिक विभाजन के संदर्भ में महात्मा गांधी के चिंतन और विचारों की अहमियत और
30 जनवरी 1948 … बापू के जीवन का आखिरी दिन! इस दिन के कई विवरण हमें मिलते हैं जिनमें
बीसवीं सदी के दूसरे दशक की सामाजिक, राजनैतिक और साहित्यिक गतिविधियों के बीच मिस मेयो कैथरीन की किताब ‘मदर इंडिया‘
गांधीजी 1893 में दक्षिण अफ्रीका गए थे। उस समय वो 24 साल के थे, लेकिन जब भारत लौटे तो
सोशल मीडिया पर महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू के बारे में ऐसी कई बातें फैलाई जा रही हैं, जिनका
कैसे हुई थी स्वामी श्रद्धानंद की हत्या? क्यों कहा था महात्मा गांधी ने उनके हत्यारे को भाई? स्वामी श्रद्धानन्द की
महात्मा गांधी के शताब्दी वर्ष पर देश के दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने समारोह का उद्घाटन व्याख्यान करते हुए ,
आत्मसंवाद के जरिए संसार से संवाद करने के माध्यम के रूप में महात्मा गांधी ने साप्ताहिक अखबार इण्डिन ओपीनियन की
मैं ऐसे संविधान की रचना करवाने का प्रयत्न करुंगा, जो भारत को हर तरह की गुलामी और परावलंबन से
भारत की अज़ादी की लड़ाई के दौरान कुछ लोग ऐसे भी रहे, जिन्होंने आज़ादी के साथ-साथ सामाजिक आंदोलनों को ज़रूरी
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनों में हर वर्ग और समुदाय ने अपना योगदान दिया। देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में सबने अपनी-अपनी
दिनकर जोशी, महामानव सरदार, प्रभात प्रकाशन, 2014, पेज -52-54 मामला तब का है जब दांडी मार्च की तैयारी के दौरान
जवाहर ही मेरा उत्तराधिकारी होगा- महात्मा गांधी [ इस भाषण की पृष्ठभूमि में कांग्रेस वर्किंग कमेटी का वह प्रस्ताव है
बात 1947 की है। विभाजन के बाद सीमा के दोनों ओर इंसान, इंसान के ख़ून का प्यासा हो गया था।
20.10.1927 को यंग इंडिया के अपने एक लेख में महात्मा गांधी ने अपने हिन्दू होने के कारण पर एक लेख
; अंबेडकर साहब संविधान सभा में बंगाल से क्यों गए? अभी हाल में ही एक टीवी डिबेट में यह
कल 16 अप्रैल को चार्लॊ चैपलिन की जन्मतिथि थी। गांधीजी से मुलाक़ात का असर उनपर दीर्घकालिक रहा, जो उनके सिनेमा
गुजरात के जनजातियों के दरिद्र, सुविधाहीन और सर्वथा उपेक्षित लोगों के उत्थान के लिए निस्वार्थ सेवा चार दशक तक करती
अप्रैल का महीना बिहार के चंपारण जिले के इतिहास में खास है क्योंकि अप्रैल महीने के दूसरे पखवाड़े में सन
महात्मा गांधी के दो अंगेज बेटियों में से पहली नाम मीराबेन और दूसरी सरला बेन का नाम आता है। भारत
गोडसे और उसके अनुयायी लगातार यह तर्क देते रहे हैं कि गांधीजी हत्या का फ़ैसला पाकिस्तान को 55
हिदी के प्रख्यात कथाकार असग़र वजाहत ने आज से लगभग 12 साल पहले एक नाटक लिखा था, ‘गोडसे@गांधी.कॉम’। नाटक इस
बुद्ध से गांधी तक, कोलंबस से मार्टिन लूथर तक हर यात्रा ने मनुष्यता की राह आसान की। मैगस्थनीज से वास्कोडिगामा
[द्वितीय विश्वयुद्ध में कांग्रेस ने नारा दिया था – अंग्रेजों भारत छोड़ो। पढिए उनकी जीवन की प्रेरक कथा।] द्वितीय विश्वयुद्ध
बीसवीं सदी की शुरुआत ने बेहद सुंदर नज़ारा देखा जब राजनीतिक परिदृश्य में स्त्रियों का बड़ी संख्या में प्रवेश
[प्रसिद्ध उद्योगपति राहुल बजाज एक सार्थक जीवन जीने के बाद विदा हो गए। इस मौके पर बजाज परिवार