Literature
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मुहम्मदी बेगम: भारत की पहली मुस्लिम महिला संपादक
मुस्लिम जगत में सैयदा मुहम्मदी बेगम को महिला सशक्तिकरण और भारतीय उपमहाद्वीप की पहली महिला पत्रकार के तौर पर जाना…
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फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ के नज़र में प्रेमचंद
शिवकुमार मिश्र द्वारा सम्पादित अंग्रेजी पुस्तक ‘आवर कंटम्परोरी प्रेमचन्द’ के लिए यह टिप्पणी फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ ने विशेष तौर…
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पंडित नेहरू ने मेरी कविता पर वाहवाही सिर्फ एक बार दी थी- दिनकर
लाल किले पर कवि सम्मेलन हो रहा था, तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे थे। राष्ट्रकवि…
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अप्रकाशित रही थी प्रेमचंद की पहली रचना
प्रेमचंद के साहित्यिक जीवन का आरंभ 1901 से हो चुका था आरंभ में वह नवाब राय के नाम से उर्दू…
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जब सुभाष ने निर्वासन में और जवाहरलाल ने जेल में लिखी किताबें
सुभाष और जवाहरलाल दोनों में से एक को निर्वासन और दूसरे को जेल में रहना पड़ा था; वर्ष 1934…
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क्यों किताब ‘मदर इंडिया’ के आलोचक थे लाला लाजपत राय
बीसवीं सदी के दूसरे दशक की सामाजिक, राजनैतिक और साहित्यिक गतिविधियों के बीच मिस मेयो कैथरीन की किताब ‘मदर इंडिया‘…
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हिन्दी पत्रकारिता में महिला विचारधारा के जनक भारतेंदु हरिश्चंद्र
भारतेंदु हरिश्चंद्र को केवल 34 साल की आयु मिली, इतने ही समय में उन्होंने गद्य से लेकर कविता, नाटक…
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पंडित नेहरू से खास रिश्ता था फिराक गोरखपुरी का
फक्कड़, बेबाक और बेखौफ अंदाज वाले महान शायर रघुपति सहाय अगर रघुपति सहाय नाम से आप वाकिफ नहीं हैं तो ‘फिराक गोरखपुरी‘ नाम…
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उर्दू अदब के महान शायर- मजाज़ लखनवी
मजाज़ लखनवी उर्दू के प्रगतिशील विचारधारा से जुड़ा रहे और एक रोमानी शायर के रूप में मशहूर हुए। लखनऊ शहर…
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पसमान्दा मुसलमान के दर्द की जड़ यहां है
पसमान्दा मुसलमान और उनके दु:ख-दर्द को लेकर अरसे से संघर्ष कर रहे भूतपूर्व सांसद, पत्रकार, लेखक और जुझारू नेता अली…
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जब जवाहर भाई के डांट से रो पड़ी महादेवी वर्मा
कवयित्री और लेखिका महादेवी वर्मा के रेखाचित्र और संस्मरण भारतीय साहित्य की धरोहर हैं। आधुनिक हिंदी की मीरा के नाम…
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मेरी माँ ने मुझे प्रेमचंद का भक्त बनाया-गजानन माधव मुक्तिबोध
वर्धा से प्रकाशित राष्ट्रभारती में कुछ संस्मरणात्मक टिप्पणी छपी थी। जिसे बाद में दस्तावेज अंक में संकलित किया गया था…
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प्रेमचंद के पहली फिल्म पर बैन क्यों लगा?
कलम के जादूगर प्रेमचंद के कई कृतियों पर फ़िल्में, नाटक, टीवी-सीरियल और अब तो कई यूटूयूब पर कुछ एपिसोड देखने…
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गणेशशंकर विद्यार्थी को प्रेमचंद की श्रद्धांजलि
प्रेमचंद और गणेश शंकर विद्यार्थी दोनों समकालीन थे। प्रेमचंद कानपुर के आर्यसमाजी हिन्दी पत्र प्रताप के संपादक गणेशशंकर विद्यार्थी के…
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क्या लिखा था प्रेमचंद ने मधुशाला की समीक्षा में
हरिवंश राय बच्चन क्या भूंलू क्या याद करूं किताब के भूमिका में प्रेमचंद के साथ एक मुलाकात का जिक्र…
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नेहरू को लोकदेव नेहरू क्यों कहते थे रामधारी सिंह दिनकर
[रामधारी सिंह दिनकर (1908-1974) हिन्दी के महत्त्वपूर्ण कवि और लेखक हैं। वह राज्यसभा के सदस्य थे, तब लगभग 12 वर्ष…
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शानी, जिनके लेखन में मुस्लिम समाज का यथार्थ मिलता है: जन्मदिन विशेष
साहित्य धारा में कई लेखक ऐसे है जिनकी एक ही कृति ने उनको पाठकों के ज़ेहन में अंकित कर दिया।…
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कई मायनों में ख़ास है “अ लाइफ़ इन द शैडोज”-ए एस दुलत की नई किताब
भारत के पूर्व रॉ प्रमुख ए एस दुलत की तीसरी क़िताब “अ लाइफ़ इन द शैडोज” कई मायनों में एक…
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प्रकृति के पुजारी- गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर
रवीन्द्रनाथ टैगोर अपने ही नहीं, आज के समय में भी एक विशाल, अनंत सागर की तरह, एक आश्चर्यजनक और अतुलनीय…
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क्या टैगोर की कविताओं पर ईसाइयत का असर था?
1913 में जब रवीन्द्रनाथ को नोबेल पुरस्कार मिला था तो नोबेल कमेटी की प्रशस्ति घोषणा में कहा गया: उन्होंने अपनी…
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पंडित रतन नाथ धर “सरशार”: कश्मीरियत और गंगा-जमनी तहजीब के प्रतीक
अंग्रेजी के सबसे प्रसिद्ध उपन्यासकारों में से एक चार्ल्स डिकिन्स ने “पिकविक पेपर्स” नाम से एक उपन्यास लिखा था। यह…
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महात्मा गांधी ने क्या बताया हिन्दू होने का मतलब
20.10.1927 को यंग इंडिया के अपने एक लेख में महात्मा गांधी ने अपने हिन्दू होने के कारण पर एक लेख…
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पुस्तक अंश: नेहरू के सवाल और प्रेमचंद के जवाब
मुंशी प्रेमचंद ने जनवरी 1936 में हंस पत्रिका के अपना सम्पादकीय, पं. नेहरू के हिंन्दी साहित्य से निराशा पर…
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क्या कभी संस्कृत सम्पूर्ण उत्तर भारत में आम लोगों की बोलचाल की भाषा थी?
[क्या कभी संस्कृत सम्पूर्ण उत्तर भारत में आम लोगों की बोलचाल की भाषा थी ? हाल में इस विषय पर…
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