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Thursday November 21, 2024

किताबें बेचने वाले क्रान्तिकारी शहीद पीर अली खां

हिन्दुस्तान के पहले स्वतंत्रता संग्राम में न जाने कितने ही आज़ादी के मतवाले सूरमा हुए जिनकी बलिदानों से आज़ादी की

गुजराती महिलाओं की पीढ़ियों के लिए आदर्श: विद्यागौरी नीलकंठ

विद्यागौरी नीलकंठ न तो पितृसत्ता के ख़िलाफ़  विद्रोही थी न ही एक उत्साही नारीवादी, जैसा आज हम इस शब्द से

रियासती एकता में पंडित नेहरू का योगदान

[शेख़ मोहम्मद अब्दुल्ला (1905-1981) जिन्हें शेर-ए-काश्मीर भी कहा जाता है, कश्मीर के सबसे महत्त्वपूर्ण नेताओं में थे। आज़ादी के बाद

स्वदेशी के लिए शहादत देने वाले बाबू गैनू सय्यद को भूल गया देश

अंग्रेज़ी शासन का इतिहास भारत की लूट का इतिहास भी है। इंग्लैड में चलने वाली फैक्ट्रियों का उत्पादन बढ़ाने के

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आदर्श खुदीराम बोस का आख़िरी दिन

खुदीराम और प्रफुल्ल चाकी ने 30 अप्रैल, 1908 को मुजफ्फरपुर में किंग्सफोर्ड की बग्घी पर बम फेंका था। बम फेंकने

भगवती चरन वोहरा को गुप्तचर विभाग का आदमी क्यों समझा जाता था

क्रांतिकारी विचारक, संगठनकर्ता, वक्ता, प्रचारक आदि के रूप में भगवती चरन अक्सर याद किए जाते है।इसके साथ-साथ आदर्श के प्रति

करतार सिंह सराभा जिनसे भगत सिंह ने इंक़लाब की प्रेरणा ली

आज़ादी के आन्दोलन में कई युवा क्रांतिकारी हुए जिनका जीवन काफी छोटा था लेकिन इस छोटे से जीवन में उन्होंने

शहीद शेर अली आफ़रीदी जिनको दो बार फांसी की सजा दी गई

हिन्दुस्तान की आज़ादी के लिए ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों के नाम मशहूर हैं, जिनके नेतृत्व में हज़ारों देशवासियों ने जंगे आज़ादी

नेहरू को प्रेरणास्रोत मानते थे मार्टिन लूथर किंग

मार्टिन लूथर किंग, जूनियर(1929-1968) अमेरिका में नागरिक आन्दोलन (1955-1968 में अपनी हत्या तक) के सबसे बड़े प्रवक्ता थे। वह अहिंसा

14 साल की क्रांतिकारी सुनीति चौधरी, जिन्होंने 7 साल जेल काटे; डाक्टर भी बनी!

खुद पर आत्मविश्वास और हौसले के दम पर, असंभव लगने वाले काम को अंजाम दिया जा सकता है और सफलता

शहीद सुखदेव जिन्होंने पंजाब में क्रांतिकारी संगठन खड़ा किया

बनारसीदास चतुर्वेदी ने अपने संपादन में भगवानदास माहौर, सदाशिवराव मलकापुरकर और शिव वर्मा के सहयोग से यश की धरोहर शहीद-ग्रन्थ-माला

ratan nath dhar sarshar

पंडित रतन नाथ धर “सरशार”: कश्मीरियत और गंगा-जमनी तहजीब के प्रतीक

अंग्रेजी के सबसे प्रसिद्ध उपन्यासकारों में से एक चार्ल्स डिकिन्स ने “पिकविक पेपर्स” नाम से एक उपन्यास लिखा था। यह

मई दिवस का गौरवशाली इतिहास: चुनौतियाँ आज भी बरक़रार

सत्यम सत्येन्द्र पाण्डेय आठ घंटे काम,आठ घंटे मनोरंजन और आठ घंटे आराम औद्योगिक पूंजीवादी क्रांति ने सामंतवादी उत्पादन संबंधों को