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Credible History is an endeavour to preserve authentic history as gleaned through the lens of established, respected historians who have spent their lives researching it via reliable sources. It aims to counter the propaganda being spread through a large section of mainstream media and social media platforms, and provide easy access to established historical resources

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Wednesday October 30, 2024
भगत सिंह

नेशनल कॉलेज में भगत सिंह के कॉलेज के दिन

भगत सिंह के समकालीन साथी, जिन्हें किसी परिचय की आवश्यकता नहीं थी, जैसे सुखदेव, भगवती चरण वोहरा, यशपाल, जयदेव गुप्ता

भगत सिंह और बटुकेश्चर दत्त

असेम्बली बम कांड और भगतसिंह का मुकदमा

जब अंग्रेजों ने दिल्ली स्थित सेंट्रल असेंबली में ‘पब्लिक सेफ्टी बिल’ पास करवा चुकी थी और ‘ट्रेड डिस्प्यूट बिल’ पर

भगत सिह

साम्प्रदायिक दंगे और उनका इलाज- भगत सिंह

1919 के जालियँवाला बाग हत्याकाण्ड के बाद ब्रिटिश सरकार ने साम्प्रदायिक दंगों का खूब प्रचार शुरु किया। इसके असर से

भगत सिह

हमें फाँसी देने के बजाय गोली से उड़ाया जाए- भगत सिंह

हम युद्धबंदी हैं फाँसी पर लटकाए जाने से 3 दिन पूर्व- 20 मार्च, 1931 को- सरदार भगतसिंह तथा उनके सहयोगियों

bhagat singh

जब होली के दिन बब्बर अकालियों को फाँसी पर चढ़ाया गया- भगत सिंह

  घर से भागकर भगतसिंह कानपुर चले गये। वहाँ वे गणेशशंकर विद्यार्थी के साप्ताहिक ‘प्रताप’ के सम्पादकीय विभाग में काम

sarder ajit shing

पंजाब में पहले किसान आंदोलन के नेता सरदार अजीत सिंह

अजीत सिंह भारत के सुप्रसिद्ध राष्ट्रभक्त एवं क्रांतिकारी थे। वह  शहीद सरदार भगत सिंह के चाचा थे। उन्होंने भारत में

भगत सिंह, महात्मा गांधी और पंडित नेहरू

क्या गांधी ने भगत सिंह की फांसी को रोकने की कोशिश नहीं की?

सोशल मीडिया पर महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू के बारे में ऐसी कई बातें फैलाई जा रही हैं, जिनका

पंडित नेहरू

जब आनंद भवन में हुआ क्रांतिकारियों के स्वागत में जलसा

सुधीर विद्यार्थी भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के एक विशिष्ट शोधकर्ता हैं। चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह सहित अनेक क्रांतिकारियों पर उनकी बेहद

भगत सिह

क्यों भगत सिंह अछूतों के सवाल को जरूरी मानते थे

 भगत सिंह भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के पहले नेता थे जिन्होंने सांप्रदायिकता के साथ-साथ जाति के मसले पर गंभीर हस्तक्षेप किया।

भगत सिंह के परिवार को अपने घर पनाह देने वाले मौलाना हबीब-उर-रहमान

हिन्दुस्तान की आज़ादी के अज़ीम रहनुमा रईस उल अहरार मौलाना हबीब-उर-रहमान लुधियानवी ने ‘इस्लाम ख़तरे में है’ के नारे के

भगत सिंह की फांसी के ख़िलाफ़ जेल जाने वालीं नेहरू की भतीजी : मनमोहिनी सहगल

[आज़ादी की लड़ाई सिर्फ़ कुछ नायकों की नहीं। महिलाओं ने इसमें बढ़-चढ़ के भागीदारी की थी। ऐसी ही एक नायिका