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Credible History is an endeavour to preserve authentic history as gleaned through the lens of established, respected historians who have spent their lives researching it via reliable sources. It aims to counter the propaganda being spread through a large section of mainstream media and social media platforms, and provide easy access to established historical resources

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Tuesday December 3, 2024
भगत सिंह, महात्मा गांधी और पंडित नेहरू

क्या गांधी ने भगत सिंह की फांसी को रोकने की कोशिश नहीं की?

सोशल मीडिया पर महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू के बारे में ऐसी कई बातें फैलाई जा रही हैं, जिनका

स्वामी श्रद्धानन्द और महात्मा गांधी

स्वामी श्रद्धानंद की हत्या पर क्या महात्मा गांधी ने हत्यारे राशिद अली का साथ दिया था?

कैसे हुई थी स्वामी श्रद्धानंद की हत्या? क्यों कहा था महात्मा गांधी ने उनके हत्यारे को भाई? स्वामी श्रद्धानन्द की

पं॰ गेंदालाल दीक्षित

क्रांतिकारीयों में मास्साब के नाम से मशहूर, पं॰ गेंदालाल दीक्षित

देश को आजाद कराने के लिए क्रांतिकारियों ने अपना अमूल्य योगदान दिया। यद्यपि देश भर में क्रांतिकारी आंदोलन की व्यापक

पंडित जवाहर लाल नेहरू और रघुपति सहाय उर्फ फिराक गोरखपुरी

पंडित नेहरू से खास रिश्ता था फिराक गोरखपुरी का

फक्कड़, बेबाक और बेखौफ अंदाज वाले महान शायर रघुपति सहाय अगर रघुपति सहाय नाम से आप वाकिफ नहीं हैं तो ‘फिराक गोरखपुरी‘ नाम

टंट्या भील

टंट्या भील, जिनको पकड़ने के लिए आये थे इंग्लैंड से विशेष दस्ते

भारतीय इतिहास में प्रथम स्वाधीनता संग्राम के नायक टंट्या भील की जांबाजी का अमिट अध्याय है। उन्होंने भारत की माटी

बाघा यतीन्द्रनाथ मुखर्जी

“बाघा” जतिन, ब्रिटिश सत्ता को चुनौती देने वाले ‘क्रांतिकारी’ नायक

 यतीन्द्रनाथ मुखर्जी ने युवावस्था में एक शाही बाघ से लड़कर और उसे मारकर  बाघा जतिन  की पदवी प्राप्त की थी।

पंडित जवाहर लाल नेहरू और शेख़ अब्दुल्ला

मुस्लिम कॉन्फ्रेंस को नेशनल कॉन्फ्रेंस कैसे बनाया शेख़ अब्दुल्लाह ने

भारत के स्वाधीनता आंदोलन के दौर में, जिस समय देश भर में  मुस्लिम लीग और हिन्दू महासभा/ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

पंडित नेहरू

जब आनंद भवन में हुआ क्रांतिकारियों के स्वागत में जलसा

सुधीर विद्यार्थी भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के एक विशिष्ट शोधकर्ता हैं। चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह सहित अनेक क्रांतिकारियों पर उनकी बेहद

सर्वपल्ली राधाकृष्णन और महात्मा महात्मा गांधी

हम इंसान बनेंगे तो गांधीजी करीब मिलेंगे – सर्वपल्ली राधाकृष्णन

महात्मा गांधी के  शताब्दी वर्ष पर  देश के दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने समारोह का उद्घाटन व्याख्यान करते हुए ,

डॉ. बी.आर. अम्बेडकर और गौतम बुद्ध

बौद्ध धर्म के बारे में क्या कहा था, डॉ. अंबेडकर ने  

डॉ. बीआर अंबेडकर भारत में आधुनिक बौद्ध धर्म के जनक हैं, जिसने बुद्ध मार्ग का पालन करने वाले दलित/पूर्व-अछूत समुदायों के

दुर्गावती वोहरा और भगत सिह

क्रांतिमूर्ति दुर्गा भाभी का क्रांतीकारी जीवन

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में क्रांतिमूर्ति दुर्गावती वोहरा का नाम प्रथम पंक्ति की महिला क्रांतिकारियों में लिया जाता है।

महात्मा गांधी

गांधीजी ने क्यों कहा था, मैं हिन्दू क्यों हूँ ?

महात्मा गांधी अपने समय के उन व्यक्तियों में से है जो व्यक्तिवाद की सीमाओं के पार जाकर सामूहिकता की चेतना

Gandhi

अंग्रेजी  शिक्षा माध्यम ने हमारे बीच खाई पैदा कर दी है…

महात्मा गांधी मातृभाषा में शिक्षा के प्रबल समर्थक थे, अपने स्कूली शिक्षा के दौरान उन्होंने मातृभाषा और अंग्रेजी भाषा में

महात्मा गांधी

जब ऐनी बेसेंट ने बीएचयू में गांधीजी को भाषण देने से रोका

[पंडित मालवीय ने गांधीजी को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के उद्घाटन के अवसर पर बोलने के लिए आमंत्रित किया था। विश्वविद्यालय

भगत सिह

क्यों भगत सिंह अछूतों के सवाल को जरूरी मानते थे

 भगत सिंह भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के पहले नेता थे जिन्होंने सांप्रदायिकता के साथ-साथ जाति के मसले पर गंभीर हस्तक्षेप किया।

वीर कुंवर सिंह के भाई वीर अमर सिंह

हार कर भी कभी नहीं हारे वाले कुवर सिंह के भाई अमर सिंह

1857 के विद्रोह में वीर कुंवर सिंह ने बिहार का नेतृत्व किया, इस इतिहास से अधिकांश लोग परचित है। उनके

बाबू मंगूराम

बाबू मंगूराम मुगोवालिया, जिनके मुरीद भगत भगत सिंह भी थे

मंगूराम, जिन्होंने पंजाब  में ऐड-धर्म आंदोलन की नींव रखी थी और गदर पार्टी से भी जुड़े हुए थे। उनको लोग

अय्यंकालि

बैलगाड़ी से ब्राह्मणों एवं नायरों के अंहकार को कुचलने वाले- अय्यंकालि

अय्यंकालि उन जाति-विरोधी योद्धाओं में से थे, जिन्‍होंने ब्राह्मणवादियों और उनकी सत्‍ता से समानता का हक़ हासिल करने के लिए

विजयलक्ष्मी पंडित

भारत अकेला है, जो वर्षों से लोकतंत्र के पक्ष में खड़ा रहा है – विजयलक्ष्मी पंडित

विजयलक्ष्मी पंडित  भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु की बहन थीं। परंतु, उनकी अपनी एक अलग विशिष्ट पहचान