दुनिया को मधु लिमये ने बताया कि संसद में बहस कैसे की जाती है
भारत की समाजवादी राजनीति के प्रतिनिधि नेता मधु लिमये ने चार दशक तक देश की राजनीति को कई तरीकों से
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भारत की समाजवादी राजनीति के प्रतिनिधि नेता मधु लिमये ने चार दशक तक देश की राजनीति को कई तरीकों से
भारतेंदु हरिश्चंद्र को केवल 34 साल की आयु मिली, इतने ही समय में उन्होंने गद्य से लेकर कविता, नाटक
सोशल मीडिया पर महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू के बारे में ऐसी कई बातें फैलाई जा रही हैं, जिनका
राष्ट्रगान जन गण मन जितना पुराना है, उस पर विवाद भी लगभग उतना ही पुराना है। क्या जन गण मन
कैसे हुई थी स्वामी श्रद्धानंद की हत्या? क्यों कहा था महात्मा गांधी ने उनके हत्यारे को भाई? स्वामी श्रद्धानन्द की
देश को आजाद कराने के लिए क्रांतिकारियों ने अपना अमूल्य योगदान दिया। यद्यपि देश भर में क्रांतिकारी आंदोलन की व्यापक
वंदे मातरम को लेकर अक्सर विवाद होता रहता है। इसके स्रोत कहाँ हैं? आनंद मठ में क्या था? क्या
मैं हिन्दू होने के नाते पुनर्जन्म में आस्था रखता हूं। इसलिए मैं मरने नहीं, वरन् आज़ाद भारत में फिर से
फक्कड़, बेबाक और बेखौफ अंदाज वाले महान शायर रघुपति सहाय अगर रघुपति सहाय नाम से आप वाकिफ नहीं हैं तो ‘फिराक गोरखपुरी‘ नाम
भारतीय इतिहास में प्रथम स्वाधीनता संग्राम के नायक टंट्या भील की जांबाजी का अमिट अध्याय है। उन्होंने भारत की माटी
इतिहास गवाह है कि युद्ध भूमि में सम्मान हमेशा उन सेना नायकों को मिलता है जो नेतृत्व करते है।
यतीन्द्रनाथ मुखर्जी ने युवावस्था में एक शाही बाघ से लड़कर और उसे मारकर बाघा जतिन की पदवी प्राप्त की थी।
भारत के स्वाधीनता आंदोलन के दौर में, जिस समय देश भर में मुस्लिम लीग और हिन्दू महासभा/ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
सुधीर विद्यार्थी भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के एक विशिष्ट शोधकर्ता हैं। चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह सहित अनेक क्रांतिकारियों पर उनकी बेहद
पंडित नेहरू देश के कोने-कोने में आयोजित जलसों में जाकर आम लोगों को बताते थे कि अनेक हिस्सों में बँटा
व्यक्तिगत सत्याग्रह 1941 से लेकर 1942 तक चला। 17 अक्टूबर 1940 को महात्मा गांधी ने जिसकी शुरुआत की थी। यह
महात्मा गांधी के शताब्दी वर्ष पर देश के दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने समारोह का उद्घाटन व्याख्यान करते हुए ,
आज जयदेव कपूर का जन्म दिवस है, उनका ज न्म आज के ही दिन 24 अक्टूबए 1908 को आर्यसमाजी परिवार
मजाज़ लखनवी उर्दू के प्रगतिशील विचारधारा से जुड़ा रहे और एक रोमानी शायर के रूप में मशहूर हुए। लखनऊ शहर
आजादी के बाद, जब त्रिपुरा के राजा ने भारत संघ में विलय का मन बना चुके थे, उनके सौतेले भाई
डॉ. बीआर अंबेडकर भारत में आधुनिक बौद्ध धर्म के जनक हैं, जिसने बुद्ध मार्ग का पालन करने वाले दलित/पूर्व-अछूत समुदायों के
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में क्रांतिमूर्ति दुर्गावती वोहरा का नाम प्रथम पंक्ति की महिला क्रांतिकारियों में लिया जाता है।
पसमान्दा मुसलमान और उनके दु:ख-दर्द को लेकर अरसे से संघर्ष कर रहे भूतपूर्व सांसद, पत्रकार, लेखक और जुझारू नेता अली
महात्मा गांधी अपने समय के उन व्यक्तियों में से है जो व्यक्तिवाद की सीमाओं के पार जाकर सामूहिकता की चेतना
महात्मा गांधी मातृभाषा में शिक्षा के प्रबल समर्थक थे, अपने स्कूली शिक्षा के दौरान उन्होंने मातृभाषा और अंग्रेजी भाषा में
[पंडित मालवीय ने गांधीजी को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के उद्घाटन के अवसर पर बोलने के लिए आमंत्रित किया था। विश्वविद्यालय
ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान या बादशाह ख़ान उनलोगों में से थे, जो अविभाजित राष्ट्रवाद के साथ ही अविभाजित राष्ट्र
भगत सिंह भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के पहले नेता थे जिन्होंने सांप्रदायिकता के साथ-साथ जाति के मसले पर गंभीर हस्तक्षेप किया।
1857 के विद्रोह में वीर कुंवर सिंह ने बिहार का नेतृत्व किया, इस इतिहास से अधिकांश लोग परचित है। उनके
गांधी 1 अगस्त 1947 को पहली और आख़िरी बार कश्मीर गए । असल में शेख़ अब्दुल्ला की रिहाई में हो
मंगूराम, जिन्होंने पंजाब में ऐड-धर्म आंदोलन की नींव रखी थी और गदर पार्टी से भी जुड़े हुए थे। उनको लोग
अय्यंकालि उन जाति-विरोधी योद्धाओं में से थे, जिन्होंने ब्राह्मणवादियों और उनकी सत्ता से समानता का हक़ हासिल करने के लिए
आजादी के तुरंत बाद, भारत को दक्षिणपंथ की चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। गृहमंत्री सरदार पटेल को आरएसएस से
राय अहमद खाँ खरल का योगदान स्वतंत्रता सेनानी के रूप में नकारा नहीं जा सकता है। कई मौखिक इतिहास और
विजयलक्ष्मी पंडित भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु की बहन थीं। परंतु, उनकी अपनी एक अलग विशिष्ट पहचान