इतिहास के पन्नों में दबकर रह गयी बुंदेला नायक मधुकर शाह की वीर गाथा
भारत के स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे अनगिनत अध्याय हैं, जो इतिहास के पन्नों में अपनी जगह नहीं बना सके। देश
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भारत के स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे अनगिनत अध्याय हैं, जो इतिहास के पन्नों में अपनी जगह नहीं बना सके। देश
भारतीय स्वतंत्रता का प्रथम संघर्ष कहे जाने वाले 1857 के संग्राम के दौरान अंग्रेजों को खदेड़ने की घटनाएँ केवल
एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा गाँव उड़ीसा का भुवन गाँव है, जो ब्राह्मणी नदी के तट पर स्थित है।
मुस्लिम जगत में सैयदा मुहम्मदी बेगम को महिला सशक्तिकरण और भारतीय उपमहाद्वीप की पहली महिला पत्रकार के तौर पर जाना
आज विश्व आदिवासी दिवस है। प्रस्तुत है इस अवसर पर रेड इंडियन सरदार सीएटल का ऐतिहासिक संदेश। शायद
झारखंड की राजधानी रांची से 55 किलोमीटर दूर सिल्ली प्रखंड के लोटा कीता गांव के पौराणिक शिव मंदिर के
शिवकुमार मिश्र द्वारा सम्पादित अंग्रेजी पुस्तक ‘आवर कंटम्परोरी प्रेमचन्द’ के लिए यह टिप्पणी फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ ने विशेष तौर
लाल किले पर कवि सम्मेलन हो रहा था, तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे थे। राष्ट्रकवि
एक अछूत परिवार ने साबरमती आश्रम में स्थायी रूप से रहने की इच्छा प्रकट की । गांधीजी ने उन्हें
पंडित जवाहर लाल नेहरू1922 में पहली बार जेल जाने और 1945 में आखिरी बार रिहा होने के बीच कुल
मगफूर ऐजाज़ी भारत की आज़ादी के लिए लड़ने वालों में से एक थे, इसके अलावा उन्होंने आज़ादी के बाद के
1919 में रॉलेट एक्ट के विरोध में, पूरे देश में व्याप्त असंतोष का परिणाम यह हुआ कि भारत की
17 साल का एक लड़का 4 रुपये महीने की तनख्वाह पर पूना में अंग्रेजों के एक क्रिकेट क्लब में माली
भारतीय स्वतंत्रता-संग्राम के देशभक्तों और वीरों की पंक्ति में मौलाना अबुल कलाम आजाद का एक विशिष्ट स्थान है। मौलाना
भारत के बहादुर नौजवानों में ब्रिगेडियर उस्मान का स्थान बहुत ऊँचा है। नौशहरा के इस बहादुर विजयी का नाम
महात्मा गांधी अप्रैल 1919 से पहले तक अंग्रेज सल्तनत के वफादार के तौर पर जाने जाते थे। लेकिन जलियांवाला बाग
शेरशाह के शासन में सुलेमान कर्रानी बिहार का सूबेदार था। सूरी वंश के पतन के पश्चात् उसने बंगाल में
आज मई दिवस है दुनिया भर के कामगारों के संघर्ष और बलिदान को याद करने का दिन। लेकिन विमर्शों के
एक व्यक्ति जिसने अंग्रेजों से मुकाबला करने के लिए 500 की सेना बनाई, हाइपो जादोनांग को लेखकों और इतिहासकारों ने
ग्वालियर से 120 कि०मी० दूरी पर स्थित शिवपुरी किले के कवायत के मैदान में ब्रिटिश टुकड़ियों ने अपने खेमे गाड़
[ यह भाषण गांधी ने 16 मार्च, 1931 को मुम्बई में मजदूरों की सभा में हिन्दी में दिया था।
चंपारण में गांधीजी के आंदोलन से सरकार खुश नहीं थी। वह चाहती थी कि हर हाल में गांधीजी चंपारण
एम.ए. पास करने के बाद मेरे भविष्य का सवाल भी उठ खड़ा हुआ। मैं सिंध में नहीं रह सकता था।
राजकुमारी अमृत कौर (1889-1964) भारत की पहली स्वास्थ्य मंत्री और महिलाओं के हित की निरंतर समर्थक थीं।
1916 का पूरा साल गांधी जी ने एक भारतीय किसान-मजदूर की वेश-भूषा में, उनकी ही तरह रेलगाड़ी के तीसरे दर्जे
विनायक दामोदर सावरकर लंदन में हाईगेट में 65 क्रॉमवेल एवेन्यू के घर में रहते थे। जो 1905 से 1910
सावरकर और उसकी धर्मपत्नी यमुना बाई के बारे में देश जानता है, सावरकर ने यमुना बाई अर्थात माई से शादी
भारतीय स्वाधीनता संग्राम के संघर्ष को रेडियो के नई तकनीक से जोड़ने वाली उषा मेहता अचानक इतिहास के पन्नों से
1918 में लखनऊ कांग्रेस अधिवेशन बड़े समारोह के साथ हुई थी। 1907 में जब कांग्रेस में दो दल हो गए
आज ही के दिन 27 फरवरी 1931 को चंद्रशेखर आज़ाद इलाहाबाद में पुलिस के साथ ही मुठभेड़ में शहीद
टाटा स्टील और जमशेदपुर शहर भारत के कई नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों की यात्राओं का एक नियमित पड़ाव रहा
आज जयदेव कपूर का जन्म दिवस है, उनका ज न्म आज के ही दिन 24 अक्टूबए 1908 को आर्यसमाजी परिवार
“गाँधी को पूर्वाग्रहों के लिए क्षमा किया जाना चाहिए और हमें उनका मूल्यांकन उनके समय और परिस्थितियों को ध्यान में
[शेख़ मोहम्मद अब्दुल्ला (1905-1981) जिन्हें शेर-ए-काश्मीर भी कहा जाता है, कश्मीर के सबसे महत्त्वपूर्ण नेताओं में थे। आज़ादी के बाद
16वीं से 19वीं सदी के बीच पसरी कृषि के कहानियों में वैश्विक बाजार में प्लांटेशनो (बगानों) के उत्पादों की बहुलता