कैसे हिटलर ने किया लोकतंत्र का अंत!
आज जब यूरोप सहित दुनियाभर में में चरम दक्षिणपंथ के उभार की संभावनाएँ दिख रही हैं, एक बार फिर हिटलर
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आज जब यूरोप सहित दुनियाभर में में चरम दक्षिणपंथ के उभार की संभावनाएँ दिख रही हैं, एक बार फिर हिटलर
कौल-ए-फ़ैसल (इंसाफ़ की बात) मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का वह बयान है जो राजद्रोह के मुक़दमे के दौरान उन्होंने प्रेसीडेंसी
[द्वितीय विश्वयुद्ध में कांग्रेस ने नारा दिया था – अंग्रेजों भारत छोड़ो। पढिए उनकी जीवन की प्रेरक कथा।] द्वितीय विश्वयुद्ध
नेहरू सोच रहे हैं। आज गुरुवार को अख़बार (TOI) में एक जबर्दस्त तस्वीर छपी। हो सकता है अनजाने में छप
आमतौर पर राष्ट्रपति चुनावों में परिणाम पहले से पता होते हैं और चुनाव बस औपचारिकता रह जाते हैं। लेकिन एक
आजकल एक धारणा आम हो गई है, या सुनियोजित तरीके से कर दी गई है कि मुस्लिम समाज में समाज
[उदयपुर में आज हुई घटना भयावह है। यह लिखे जाने दोनों अपराधी गिरफ़्तार हो चुके हैं और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
[श्यामाप्रसाद प्रसाद मुखर्जी की कश्मीर में हुई मृत्यु को लेकर लोग बहुत से सवाल करते हैं। पढिए क्या हुआ
कौन है अधिनायक? : राष्ट्रगान विवाद उज्ज्वल भट्टाचार्य राष्ट्रगान जन गण मन जितना पुराना है, उस पर विवाद भी लगभग
[शनिवार, मार्च 17 के दिन मार्क्स को हाइगेट सेमेट्री की उस क़ब्र में चिर-विश्राम के लिए ले जाया गया जिसमें
6 अप्रैल, 1919 को Rowlatt Act के खिलाफ़ पूरे भारत में विरोध की कॉल दी गई थी। दिल्ली और
[स्त्री अधिकारों के लिए अभूतपूर्व संघर्ष करने वालीं पण्डिता रमाबाई की आज सौवीं पुण्यतिथि है। इस अवसर पर सुजाता की
भगत सिंह हमारी राष्ट्रीय चेतना में कितने गहरे बसे हैं इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सारी दुनिया की औरतों के लिए है। महिला दिवस की शुरुआत बीसवीं सदी के श्रमिक आंदोलनों के
यूनान के सिसरो के काल के प्राचीनतम कवियों में से एक हैं। यह गीत उन्होंने अनाज पीसने की पनचक्की के
[आज अमर क्रांतिकारी चद्रशेखर आज़ाद की पुण्यतिथि है। आज से ठीक 91 साल पहले 27 फरवरी 1931 के दिन इलाहाबाद
आज़ाद की शहादत 27 फरवरी को आज़ाद अल्फ्रेड पार्क के लिए निकले। उस दिन वह सुखदेव राज से मिलने
बीसवीं सदी की शुरुआत ने बेहद सुंदर नज़ारा देखा जब राजनीतिक परिदृश्य में स्त्रियों का बड़ी संख्या में प्रवेश
[प्रसिद्ध उद्योगपति राहुल बजाज एक सार्थक जीवन जीने के बाद विदा हो गए। इस मौके पर बजाज परिवार
पुरे विश्व को बौद्ध धर्म के एक नए आयाम ‘बौद्ध धर्म की सामाजिक संलग्नता’ से अवगत कराने वाले ‘थिक न्हात
इतिहास को लघु रूप में पढ़ कर अपने अतीत के सेनानियों के बारे में धारणा बनाने वालों के लिए एक
रासबिहारी बोस ब्रिटिश शिकंजे से बचने के लिए 1915 में जापान चले गए और फिर वहीं रह गए। विदेशी धरती
नब्बे के दशक का पलायन: संख्या पर वबाल 1990 के दशक में कश्मीर घाटी में आतंकवाद के चरम के समय
Freedom came to India at a price and when talked about the freedom struggle only a few names make to
सावित्रीबाई का जन्म 1831 में हुआ और 9 वर्ष की उम्र में ही 1840 में 13 वर्षीय जोतिबा फुले से
1 जनवरी 1989, दिल्ली के पास साहिबाबाद। सफ़दर जन नाट्य मंच की अपनी टीम के साथ थे। ‘हल्ला बोल’ होना
28 दिसंबर, 1885 को कांग्रेस की स्थापना बंबई के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत काॅलेज में उमेश चंद्र बनर्जी की अध्यक्षता में
जब कभी सोचता हूँ कि ग़ालिब कौन है तो ग़ालिब की ही तरह दिमाग़ ख़ुद ही सवाल कर बैठता है
[सावरकर समग्र के खंड 7 में विनायक दामोदर सावरकर के गाय सम्बन्धी दो लेख मिलते हैं जिनमें उनके गाय, गोमूत्र
बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित तमिलनाडु के एक गाँव वेलंकन्नि को ‘लॉर्ड्स ओफ ईस्ट’ (पूरब का तीर्थ) के
[आज रामास्वामी पेरियार की पुण्यतिथि है। इस अवसर पर उनके क्रांतिकारी आंदोलनों में से एक ब्लैक शर्ट आंदोलन पर संजय
[गोवा मुक्ति दिवस पर पढ़िए इसके एक नायक सेनापति बापट की दिलचस्प और प्रेरणादायी कथा] 18 मई 1955 को
चालीस करोड़ों की आवाज़ सहगल-ढिल्लन-शाहनवाज़ दिल्ली के लाल क़िले में जब आज़ाद हिन्द फ़ौज़ के जाँबाज सिपाहियों पर अंग्रेज़ी
[इतिहास में कई बार संयोग भी बड़े महत्त्वपूर्ण हो जाते हैं। अकबर और हेमू विक्रमादित्य के बीच हुए युद्ध में
आज शेर-ए-कश्मीर शेख़ अब्दुल्ला का जन्मदिन है. मुश्किल बचपन माँ के गर्भ में पिता को खो देने वाले शेख़ ने