जलियांवाला नरसंहार से विचलित थे गांधी जी
महात्मा गांधी अप्रैल 1919 से पहले तक अंग्रेज सल्तनत के वफादार के तौर पर जाने जाते थे। लेकिन जलियांवाला बाग
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महात्मा गांधी अप्रैल 1919 से पहले तक अंग्रेज सल्तनत के वफादार के तौर पर जाने जाते थे। लेकिन जलियांवाला बाग
रिचर्ड एटनबरो एक शिक्षक ( कॉलेज प्रिंसिपल) के पुत्र थे। वह अभिनेता भी थे, फ़िल्म निर्देशक भी। उनकी चरम
अकसर ऐसा होता है कि जो इतिहास रचता है, उसका इतिहास में नाम नहीं होता, लेकिन जो इतिहास रचता है
सुभाष और जवाहरलाल दोनों में से एक को निर्वासन और दूसरे को जेल में रहना पड़ा था; वर्ष 1934
एक व्यक्ति जिसने अंग्रेजों से मुकाबला करने के लिए 500 की सेना बनाई, हाइपो जादोनांग को लेखकों और इतिहासकारों ने
ग्वालियर से 120 कि०मी० दूरी पर स्थित शिवपुरी किले के कवायत के मैदान में ब्रिटिश टुकड़ियों ने अपने खेमे गाड़
शेख भिखारी साहब, वह व्यक्ति जिन्होंने जनरल डलहौजी के डाक्ट्रिन ऑफ़ लैप्स का विरोध किया, जिसका एकमात्र उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य
उन्नीसवीं सदी भारत में पुनर्जागरण की सदी मानी जाती है। खासतौर पर महाराष्ट्र और बंगाल में इस दौर में समाज
चंपारण में गांधीजी के आंदोलन से सरकार खुश नहीं थी। वह चाहती थी कि हर हाल में गांधीजी चंपारण
घर से भागकर भगतसिंह कानपुर चले गये। वहाँ वे गणेशशंकर विद्यार्थी के साप्ताहिक ‘प्रताप’ के सम्पादकीय विभाग में काम
एम.ए. पास करने के बाद मेरे भविष्य का सवाल भी उठ खड़ा हुआ। मैं सिंध में नहीं रह सकता था।
राजकुमारी अमृत कौर (1889-1964) भारत की पहली स्वास्थ्य मंत्री और महिलाओं के हित की निरंतर समर्थक थीं।
भारतीय स्वाधीनता संग्राम के संघर्ष को रेडियो के नई तकनीक से जोड़ने वाली उषा मेहता अचानक इतिहास के पन्नों से
8 अगस्त 1942 को जब महात्मा गांधी ने ‘अंग्रेज़ों भारत छोड़ो’ की गर्जना करते हुए ‘करो या मरो’ का
देश की स्वतंत्रता के लिए कई क्रांतिकारी वीरों तथा नेताओं ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उन्होंने स्वतंत्रता के आसमान
1918 में लखनऊ कांग्रेस अधिवेशन बड़े समारोह के साथ हुई थी। 1907 में जब कांग्रेस में दो दल हो गए
नेताजी की हिटलर से मुलाक़ात को लेकर बहुत कुछ कहा जाता है। जर्मनी में रहते हुए उनकी एक बार
आज ही के दिन 27 फरवरी 1931 को चंद्रशेखर आज़ाद इलाहाबाद में पुलिस के साथ ही मुठभेड़ में शहीद
औपनिवेशिक दौर में भारतीय समाज में कमोबेश हर जातीय-धार्मिक समुदाय में महिलाओं के शिक्षा की एक जैसी ही स्थिति
अजीत सिंह भारत के सुप्रसिद्ध राष्ट्रभक्त एवं क्रांतिकारी थे। वह शहीद सरदार भगत सिंह के चाचा थे। उन्होंने भारत में
मौलना आज़ाद खुद को मुस्लिम नेता कहलाना पसंद नहीं था आज़ाद को। आज़ाद बहुत बड़े राष्ट्रवादी थे। भारत की आजादी के बाद वे एक
गांधी जी का रिश्ता. और सरोजिनी नायडू एक आदर्श गुरु शिष्या के रूप में विकसित हुईं-एक गुरु जिसमें अपने
भगत सिंह एक सशस्त्र क्रान्ति द्वारा भारत में समाजवादी शासन स्थापित करना चाहते थे। गांधी अहिंसा और सत्याग्रह के
राजकुमारी अमृत कौर कपूरथला की महारानी थीं, पर उन्होंने स्वयं को एक महारानी के तरह ज़ाहिर नहीं किया,
सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान जेल में बंद सुभाष चंद्र बोस की तबीयत फरवरी, 1932 में ख़राब होने लगी थी।
भारत की समाजवादी राजनीति के प्रतिनिधि नेता मधु लिमये ने चार दशक तक देश की राजनीति को कई तरीकों से
देश को आजाद कराने के लिए क्रांतिकारियों ने अपना अमूल्य योगदान दिया। यद्यपि देश भर में क्रांतिकारी आंदोलन की व्यापक
मैं हिन्दू होने के नाते पुनर्जन्म में आस्था रखता हूं। इसलिए मैं मरने नहीं, वरन् आज़ाद भारत में फिर से
भारतीय इतिहास में प्रथम स्वाधीनता संग्राम के नायक टंट्या भील की जांबाजी का अमिट अध्याय है। उन्होंने भारत की माटी
इतिहास गवाह है कि युद्ध भूमि में सम्मान हमेशा उन सेना नायकों को मिलता है जो नेतृत्व करते है।
यतीन्द्रनाथ मुखर्जी ने युवावस्था में एक शाही बाघ से लड़कर और उसे मारकर बाघा जतिन की पदवी प्राप्त की थी।
भारत के स्वाधीनता आंदोलन के दौर में, जिस समय देश भर में मुस्लिम लीग और हिन्दू महासभा/ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
सुधीर विद्यार्थी भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के एक विशिष्ट शोधकर्ता हैं। चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह सहित अनेक क्रांतिकारियों पर उनकी बेहद
आज जयदेव कपूर का जन्म दिवस है, उनका ज न्म आज के ही दिन 24 अक्टूबए 1908 को आर्यसमाजी परिवार
आजादी के बाद, जब त्रिपुरा के राजा ने भारत संघ में विलय का मन बना चुके थे, उनके सौतेले भाई