आदिवासी स्वाभिमान और स्वाधीनता संग्राम के महानायक, भीमा नायक
भारत में स्वाधीनता संघर्ष का अंकुर वनों और पर्वतों में रहने वाले आदिवासियों के बीच ही अंकुरित हुआ। इन आदिवासियों
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भारत में स्वाधीनता संघर्ष का अंकुर वनों और पर्वतों में रहने वाले आदिवासियों के बीच ही अंकुरित हुआ। इन आदिवासियों
आज रानी लक्ष्मीबाई की जन्मतिथि है। महाश्वेता देवी द्वारा लिखित झांसी की रानी एक प्रसिद्ध उपन्यास है। लक्ष्मण राव, महारानी
जवाहरलाल नेहरू ने जो लेख लिखे और समय-समय पर जो भाषण दिए, उनसे हमारे मन पर दो प्रकार की गहरी
मार्टिन लूथर किंग, जूनियर (1929-1968) अमेरिका में नागरिक आन्दोलन और सिविल नाफ़रमानी की गांधीयन विधियों को अपने आन्दोलन का (1955
पंडित नेहरू के जीवन का सर्वोत्तम काल वह था, जब वे भारत की स्वाधीनता के संघर्ष में संलग्न थे। स्वतंत्रता-पूर्व
3 सितंबर 1857 को ब्रिटिश सेना ने बिठूर में नाना साहब पेशवा की 13 वर्षीय दत्तक पुत्री, मैना कुमारी को
कोल विद्रोह 1831 और 1832 के बीच झारखंड के छोटा नागपुर क्षेत्र के आदिवासी कोल लोगों का आंदोलन था। यह
औपनिवेशिक ब्रिटिश शासन के खिलाफ अनेक क्रांतिकारी देशभक्तों ने अपनी जान कुर्बान की, लेकिन उनमें से कई, जिन्होंने अत्याचारी अंग्रेजों,
भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक विविधता के समान, इस देश के स्वतंत्रता संग्राम के भी विविध स्वरूप रहे हैं। भारत के वनीय
बिजोलिया के किसान सत्याग्रह ने राजस्थान में पहली बार जनचेतना की अलख जगाई और लंबे संघर्ष के बाद सफलता पाई।
शूरवीर पसालथा खुआंगचेरा मिजोरम के सबसे बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। वे इस क्षेत्र के रक्षकों में से
भारत के स्वाधीनता संग्राम में अभूतपूर्व पैमाने पर महिलाओं की सामूहिक भागीदारी देखी गई, लेकिन दुर्भाग्य से, उनमें से कई
कुछ लोग अपने जीवनकाल में ही व्यक्ति से विचारधारा बन जाते हैं। उनकी महानता इस तथ्य में निहित होती है
नसुड़ी यादव बिरहा गायन शैली के इतिहास के सबसे अलग, विलक्षण और बोल्ड गायक थे। वह बिरहा के आदि विद्रोही
1914 में रासबिहारी बोस द्वारा अंग्रेजों की पराधीनता से भारत को मुक्त कराने के लिए सशस्त्र क्रांति का जो अभियान
26 नवंबर 1938 के हरिजन में “The Jews” शीर्षक महात्मा गांधी के लेख पर जबरदस्त विवाद हुआ था। एक वर्ग
महात्मा गांधी का व्यक्तित्व न केवल उनकी सादगी और विनम्रता से परिभाषित था, बल्कि उनके आत्मबल और अटूट सिद्धांतों से
हरिगोपाल बाल या बाउल जिन्हें लोकप्रिय रूप से टेगरा कहा जाता है एक बंगाली क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ क्रांतिकारी गतिविधियों
अगस्त का महीना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस महीने में अनगिनत क्रांतिवीरों ने
गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ (1917–1964) हिंदी साहित्य के प्रमुख कवि, आलोचक और कथाकार थे। वह प्रगतिशील लेखक आंदोलन के अग्रणी
भारतीय स्वतंत्रता का प्रथम संघर्ष कहे जाने वाले 1857 के संग्राम के दौरान अंग्रेजों को खदेड़ने की घटनाएँ केवल
नवंबर 1935 में, जब मार्गरेट सैंगर बंबई पहुँचीं, तो उनका स्वागत उनके जनसख्या नियंत्रण के लिए अमेरिका में किए गए
आज विश्व आदिवासी दिवस है। प्रस्तुत है इस अवसर पर रेड इंडियन सरदार सीएटल का ऐतिहासिक संदेश। शायद
झारखंड की राजधानी रांची से 55 किलोमीटर दूर सिल्ली प्रखंड के लोटा कीता गांव के पौराणिक शिव मंदिर के
लाल किले पर कवि सम्मेलन हो रहा था, तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे थे। राष्ट्रकवि
एक अछूत परिवार ने साबरमती आश्रम में स्थायी रूप से रहने की इच्छा प्रकट की । गांधीजी ने उन्हें
रायबरेली से 10 किलोमीटर दूर पड़ता है मुंशीगंज इलाका। इसके किनारे पर बहती सई नदी यूं तो शांत रहती
Over the past decade, governments led by the Bharatiya Janata Party (BJP) have relentlessly targeted the religious freedom of minority
महात्मा गांधी अप्रैल 1919 से पहले तक अंग्रेज सल्तनत के वफादार के तौर पर जाने जाते थे। लेकिन जलियांवाला बाग
भारत में जारी आम चुनाव के दरमियान अल्पसंख्यकों के अधिकारों और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा एक बड़ा सवाल
रिचर्ड एटनबरो एक शिक्षक ( कॉलेज प्रिंसिपल) के पुत्र थे। वह अभिनेता भी थे, फ़िल्म निर्देशक भी। उनकी चरम
अकसर ऐसा होता है कि जो इतिहास रचता है, उसका इतिहास में नाम नहीं होता, लेकिन जो इतिहास रचता है
एक व्यक्ति जिसने अंग्रेजों से मुकाबला करने के लिए 500 की सेना बनाई, हाइपो जादोनांग को लेखकों और इतिहासकारों ने
ग्वालियर से 120 कि०मी० दूरी पर स्थित शिवपुरी किले के कवायत के मैदान में ब्रिटिश टुकड़ियों ने अपने खेमे गाड़
शेख भिखारी साहब, वह व्यक्ति जिन्होंने जनरल डलहौजी के डाक्ट्रिन ऑफ़ लैप्स का विरोध किया, जिसका एकमात्र उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य