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Credible History is an endeavour to preserve authentic history as gleaned through the lens of established, respected historians who have spent their lives researching it via reliable sources. It aims to counter the propaganda being spread through a large section of mainstream media and social media platforms, and provide easy access to established historical resources

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Thursday November 21, 2024
जवाहरलाल नेहरू और प्रो. यशपाल

पंडित जवाहरलाल नेहरू: आधुनिक भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के जनक

भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के आधुनिक युग के जनक पंडित जवाहरलाल नेहरू ही हैं। स्वतंत्रता के तुरंत बाद, उन्हीं

महाश्वेता देवी का उपन्यास झांसी की रानी और रानी लक्ष्मीबाई

इतिहास में झांसी की रानी का सत्य लुप्त नहीं हो सकता- महाश्वेता देवी

आज  रानी लक्ष्मीबाई की जन्मतिथि है।  महाश्वेता देवी द्वारा लिखित झांसी की रानी  एक प्रसिद्ध उपन्यास है। लक्ष्मण राव, महारानी

मार्टिन लूथर किंग, जूनियर और जवाहरलाल नेहरू

अमन के संघर्ष में नेहरु हमारे साथ है -मार्टिन लूथर किंग जूनियर

मार्टिन लूथर किंग, जूनियर (1929-1968) अमेरिका में नागरिक आन्दोलन और सिविल नाफ़रमानी की गांधीयन विधियों को अपने आन्दोलन का (1955

जवाहर लाल नेहरू और फ्रैंक मोरेस

पूर्व और पश्चिम के विचारों का संगम थे पंडित नेहरू — फ्रैंक मोरैस

पंडित नेहरू के जीवन का सर्वोत्तम काल वह था, जब वे  भारत की स्वाधीनता के संघर्ष  में संलग्न थे। स्वतंत्रता-पूर्व

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद और अल-बलाग़, अल-हिलाल

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद: एक आधुनिकतावादी, पत्रकार और चाय के रसिक

अबुल कलाम आज़ाद का जन्म 1888 में मक्का शहर में हुआ। उनका असल नाम मुहिउद्दीन अहमद था मगर उनके पिता

मैना कुमारी और नाना साहब पेशवा

नाना साहब पेशवा की पुत्री मैना कुमारी का बलिदान

3 सितंबर 1857 को ब्रिटिश सेना ने बिठूर में नाना साहब पेशवा की 13 वर्षीय दत्तक पुत्री, मैना कुमारी को

जीतराम बेदिया

 स्वतंत्रता संघर्ष के अमर सेनानी शहीद जीतराम बेदिया

औपनिवेशिक ब्रिटिश शासन के खिलाफ अनेक क्रांतिकारी देशभक्तों ने अपनी जान कुर्बान की, लेकिन उनमें से कई, जिन्होंने अत्याचारी अंग्रेजों,

जतरा भगत

जतरा भगत : आजादी के गांधीवादी योद्धा

भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक विविधता के समान, इस देश के स्वतंत्रता संग्राम के भी विविध स्वरूप रहे हैं। भारत के वनीय

मोतीलाल तेजावत

भील आंदोलन के नायक मोतीलाल तेजावत

बिजोलिया के किसान सत्याग्रह ने राजस्थान में पहली बार जनचेतना की अलख जगाई और लंबे संघर्ष के बाद सफलता पाई।

खिलाफत कॉन्फ्रेंस और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद

खिलाफत आंदोलन का पहला केंद्र भारत था; यह न केवल मुसलमानों का, बल्कि पूरे भारतीय समाज का मुद्दा बन गया।

भगत सिंह और बटुकेश्चर दत्त

असेम्बली बम कांड और भगतसिंह का मुकदमा

जब अंग्रेजों ने दिल्ली स्थित सेंट्रल असेंबली में ‘पब्लिक सेफ्टी बिल’ पास करवा चुकी थी और ‘ट्रेड डिस्प्यूट बिल’ पर

खुआंगचेरा

शूरवीर पसालथा खुआंगचेरा, मिजोरम के बहादुर स्वतंत्रता सेनानी

शूरवीर पसालथा खुआंगचेरा मिजोरम के सबसे बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। वे इस क्षेत्र के रक्षकों में से

रोपड़लियानी : मिज़ोरम की एक बहादुर महिला

भारत के स्वाधीनता संग्राम में अभूतपूर्व पैमाने पर महिलाओं की सामूहिक भागीदारी देखी गई, लेकिन दुर्भाग्य से, उनमें से कई

जगदेव प्रसाद

बिहार के ‘लेनिन’ शहीद जगदेव प्रसाद के संघर्ष की कहानी

कुछ लोग अपने जीवनकाल में ही व्यक्ति से विचारधारा बन जाते हैं। उनकी महानता इस तथ्य में निहित होती है

Nasuri Yadav

नसुड़ी यादव, जिन्होंने चेतना का व्याकरण बदल दिया

नसुड़ी यादव   बिरहा गायन शैली के इतिहास के सबसे अलग, विलक्षण और बोल्ड गायक थे। वह बिरहा के आदि विद्रोही

विजय सिंह पथिक

विजय सिंह पथिक: बिजौलिया सत्याग्रह के नायक

1914 में  रासबिहारी बोस द्वारा अंग्रेजों की पराधीनता से भारत को मुक्त कराने के लिए सशस्त्र क्रांति का जो अभियान

Gandhi-- Tagore

जब टैगोर ने जताई थी गांधी के विचारों से असहमति

जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद गांधीजी  ने अंग्रेज़ों के खिलाफ एक मुहिम छेड़ दी थी । आंदोलन का नाम था

पुलिन बिहारी दास

विस्मृत क्रांतिकारी एवं स्वतंत्रता सेनानी पुलिन बिहारी दास

जब अंग्रेजों के प्रति निष्क्रिय प्रतिरोध से कोई परिणाम नहीं मिल रहा था, तो भारतीय क्रांतिकारियों के एक समूह ने

चंद्रशेखर आज़ाद

क्यों चंद्रशेखर आज़ाद को बम्बई रास नहीं आई ?

जब चंद्रशेखर आज़ाद बम्बई में थे, तब वह अपने क्रांतिकारी जीवन के एक महत्वपूर्ण और संघर्षपूर्ण दौर से गुजर रहे

GANDHI

आत्मबल और सिद्धांतों से बना था गांधीजी का व्यक्तित्व

महात्मा गांधी का व्यक्तित्व न केवल उनकी सादगी और विनम्रता से परिभाषित था, बल्कि उनके आत्मबल और अटूट सिद्धांतों से

भगत सिह

साम्प्रदायिक दंगे और उनका इलाज- भगत सिंह

1919 के जालियँवाला बाग हत्याकाण्ड के बाद ब्रिटिश सरकार ने साम्प्रदायिक दंगों का खूब प्रचार शुरु किया। इसके असर से

भगत सिह

हमें फाँसी देने के बजाय गोली से उड़ाया जाए- भगत सिंह

हम युद्धबंदी हैं फाँसी पर लटकाए जाने से 3 दिन पूर्व- 20 मार्च, 1931 को- सरदार भगतसिंह तथा उनके सहयोगियों

हरिगोपाल बाल

स्वाधीनता संग्राम के अनाम योद्धा हरिगोपाल बाल

हरिगोपाल बाल या बाउल जिन्हें लोकप्रिय रूप से  टेगरा कहा जाता है एक बंगाली क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ क्रांतिकारी गतिविधियों

मास्टर दा

भारतीय स्चाधीनता संग्राम के किशोर क्रांतिकारी,हरिपद भट्टाचार्य

असनुल्ला खान, एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी थे, जो भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को क्रूरता से सताने के लिए जाने जाते थे।

कुवर चैन सिंह

मालवा अंचल के प्रथम बहादुर बलिदानी : कुँवर चैन सिंह

कुँवर चैन सिंह को मध्यप्रदेश के मालवा अंचल के प्रथम बहादुर बलिदानी होने का गौरव प्राप्त है । वह इतने